कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। कहते हैं कि जंगल के राजा शेर किसी से नहीं डरते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के ग्वालियर के चिड़ियाघर में रह रहे जंगल के राजा शेर को डर सताने लगा है। जी हां ग्वालियर चंबल अंचल में रात का लुढ़कता पारा जंगल के राजा के लिए खौफ का सबब बन रहा है। रात में बढ़ती सर्दी से ख़ौफ़ज़दा शेरों का डर दूर करने के लिए चिड़ियाघर में इंतजाम करना शुरू कर दिया है।

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दरअसल ग्वालियर में लगातार बढ़ रही सर्दी जानवरों के लिए परेशानी का सबब बनने लगी है। चिड़ियाघर में छोटे-बड़े करीब 550 से ज्यादा जानवर, पशु पक्षी है। दिसंबर महीने के इस सप्ताह में अंचल में सर्दी ने जोर पकड़ा लिया है। न्यूनतम पारा 6 से 8 डिग्री तक पहुंच रहा है। जब ऐसी सर्दी का सितम बढ़ने लगा तो चिड़ियाघर में रहने वाले वनराज का कुनबा परेशान हो उठा है। शेर, चीते और बाघों का कुनबा दिनभर बाड़ें में धूप सेंकते रहते हैं। लेकिन रात होते ही इनको सर्दी का खौफ सताने लगता है।

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यही वजह है कि चिड़ियाघर में बने शेर के पिंजरों में ठंड जानवरों को परेशान करने लगी है। इस सर्दी से परेशान वनराज और उनके कुनबे को राहत देने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन ने इंतजाम शुरू कर दिए हैं। शेरों, बाघों के पिंजरों में शाम होते ही गरम हीटर जलाना शुरू कर दिए हैं। चिड़ियाघर प्रबंधन ने पक्षियों के बाड़ों को मोटे गर्म कपड़ों से ढकना शुरू कर दिया है। वहीं रात के वक्त इनमें बल्ब जलाए जा रहे हैं। ताकि पक्षियों का तापमान मेंटेन रह पाए। इसके अलावा शाकाहारी पशु और पक्षियों को भोजन के लिए मैथी, बाजरा, खिलाया जा रहा है, जिससे उन्हें सर्दी से राहत मिल पाएगी। वहीं हिरणों के बाड़े में सूखा पैरा बिछाकर उन्हें गर्म रखने की कोशिश की जा रही है।

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