सत्या राजपूत, रायपुर। कोरोना वायरस किसी को भी संक्रमित कर सकता है, लेकिन जिनकी पहले से ही डाइबिटीज, बीपी, एलर्जी, टीबी, हाइपर टेंशन, कुपोषित, फेफड़े की कैंसर की वजह से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है, उन्हें भी गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चों की तरह अतिरिक्त सावधानी रखने की जरुरत है.

लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत करते हुए रायपुर एम्स अस्पताल के अधीक्षक डॉ. करण पिपरे ने बताया कि , हैं हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ के शिकार उम्रदराज लोग को कोरोना वायरस से ज्यादा ख़तरा है. गर्भवती महिलाओं में भी रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी कमजोर होती है, उनको भी सावधान रहने की जरूरत है. इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, सांस संबंधी समस्या या कमज़ोर प्रतिरक्षा क्षमता है, उन्हें वायरस से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए.

डॉ. पीपरे ने बताया की बताया कोरोना वायरस के कारण भी सांस संबंधी समस्या हो जाती है. वायरस गले, श्वसन नली और फेफड़ों पर असर डालता है, ऐसे में पहले से कोई दिक्कत होने पर इलाज करना और चुनौतीपूर्ण बन जाता है. अगर फ्लू के लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. उन्होंने कहा धूम्रपान करने वालों को श्वसन संबंधी संक्रमण होने की ज़्यादा आशंका होती है. कोरोना संक्रमण की समस्या व हालात गंभीर होने से पहले धूम्रपान छोड़ दें.

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का इलाज इस बात पर आधारित होता है कि मरीज़ के शरीर को सांस लेने में मदद की जाए और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए, जिससे व्यक्ति का शरीर खुद वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाए. क्षय रोग (टीबी )से ग्रसित मरीजों में भी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होता है..ऐसे में इन मरीजों को विशेष देखभाल की जरुरत है.

डॉ. पीपरे ने प्रदेशवासियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि भयभीत होने होने की जरुरत नहीं है. लॉकडाउन का पालन कीजिये और अगर घर से बाहर निकले तो 2 मीटर की दूरी बनाएं. कोई भी जरुरी कार्य होने पर ही घर से निकले. सोशल डिसटेंस और सावधानी ही वायरस के खतरे से लडऩे का कारगर उपाय है.

उन्होंने बताया कि एम्स के डॉक्टरों की टीम और स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अफसर 24 घंटे सतर्क होकर इलाज करने सेवा दे रहे हैं. ऐसे में विदेश यात्रा करने वाले व अन्य राज्यों से आने वाले को लोगों से सम्पर्क न करते हुए होम क्वॉरेंटाइन में रहने की सलाह दी गई है.