High Court: कटक. उड़ीसा उच्च न्यायालय ने अपने जूनियर की रैगिंग करने के लिए 4 विधि छात्रों को अनुशासनात्मक सजा सुनाई है. उच्च न्यायालय ने विधि छात्रों को सजा के रूप में एक सप्ताह तक अनाथालय में स्वयंसेवक के रूप में काम करने को कहा है. साथ ही निचली अदालत में लंबित मामले को भी खारिज कर दिया है.

उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि छात्र अपनी पसंद का अनाथालय चुन सकते हैं और वहां बच्चों को पढ़ा सकते हैं या उनके लिए कार्यशाला आयोजित कर सकते हैं. अनाथालय चुनने के बाद उन्हें न्यायालय के फैसले के बारे में अनाथालय प्रबंधक को सूचित करना चाहिए.

अनाथालय में स्वयंसेवक के रूप में काम करने के बाद उन्हें अनाथालय अधिकारियों से प्रमाण पत्र प्राप्त करना चाहिए. युवा पीढ़ी में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद करते हुए उड़ीसा High Court ने फैसला सुनाया. न्यायमूर्ति शिवशंकर मिश्रा की अध्यक्षता वाली न्यायिक पीठ ने भुवनेश्वर स्थित एक निजी विधि महाविद्यालय के चार छात्रों को यह फैसला सुनाया. रैगिंग के बाद जूनियर छात्र ने भरतपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी.