बिलासपुर। सरकार की प्रक्रिया को नजरअंदाज कर विधवा सौतेली मां को अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने पर दिवंगत शासकीय कर्मचारी के इकलौते पुत्र ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इस पर कोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग के सचिव, इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय और प्रतिवादी को नोटिस जारी कर चार हफ्तों में जवाब मांगा है.

जानकारी के अनुसार, इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में सहायक वर्ग दो में पदस्थ राकेश कुमार शर्मा की 9 सितंबर 2017 को अकस्मात् मृत्यु हो गई थी. इसके बाद उनके पुत्र शुभम शर्मा ने अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था. प्रकरण की सुनवाई नहीं होने पर वर्ष 2021 में हाईकोर्ट में याचिका पेश की थी. कोर्ट ने इस पर 60 दिनों में याचिकर्ता के आवेदन पर सुनवाई करने कहा था.

लेकिन इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के रजिस्ट्रार ने शुभम शर्मा के आवेदन को निरस्त करते हुए उसी आदेश में आगे दिवंगत राकेश कुमार की विधवा गीता शर्मा को अनुकम्पा नियुक्ति दे दी. शुभम शर्मा के आपत्ति जताने पर अनुकम्पा नियुक्ति के निर्देशों में विधवा को प्रथम प्राथमिकता होने के कारण नियुक्ति प्रदान करने का तर्क दिया था. इस पर शुभम शर्मा ने अधिवक्ता अनादि शर्मा के जरिए हाई कोर्ट में याचिका पेश की.

याचिका की सुनवाई हाईकोर्ट के जस्टिस पीपी साहू की अदालत में सुनवाई हुई. याचिकर्ता के अधिवक्ता अनादि शर्मा ने तर्क दिया कि गीता शर्मा की उम्र को देखते हुए उन्हें सर्विस के बाद पेंशन और अन्य स्कीम का लाभ नहीं मिल सकेगा, जबकि 27 वर्ष के याचिकर्ता को अनुकम्पा नियुक्ति मिलने पर उनके उज्जवल भविष्य के लिए बेहतर होगा. सुनवाई के उपरांत हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग के सचिव, इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय और अन्य से 4 हफ्ते में जवाब मांगा है, जिसके बाद मामले में आगे की सुनवाई होगी.

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