रुपेश गुप्ता, बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने अपनी जाति पर आए हाई पावर कमेटी के फैसले के खिलाफ जो जो याचिका हाईकोर्ट में दायर की है उसमें छत्तीसगढ़ श्येडूल कास्ट, श्येड्यूल ट्राइबल एंड अदर्स बैकवर्ड केसेस ( रेगुलेशन ऑफ सोशल स्टेटस सर्टिफिकेशन) 2013 की धारा 7 को वायरस चैलेंज किया है यानी वैधता पर सवाल उठाए गए हैं. जोगी ने इसे संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताते हुए हाई पावर कमेटी के निर्णय को खारिज करने की मांग की है.
इस बात की जानकारी संतकुमार नेताम की वकील रक्षा अवस्थी ने दी है. रक्षा अवस्थी का कहना है कि वायरस चैंलेज का आशय होता है कि अगर संविधान के मूल सिद्धांतो के विपरीत कोई कानून या अधिनियम बनता है तो इसके खिलाफ चैंलेज को वायरस चैलेंज कहा जाता है.
छत्तीसगढ़ श्येडूल कास्ट, श्येड्यूल ट्राइबल एंड अदर्स बैकवर्ड केसेस ( रेगुलेशन ऑफ सोशल स्टेटस सर्टिफिकेशन) 2013 के तहत अजीत जोगी की जाति को छानबीन समिति ने आदिवासी नहीं माना है. इस कानून के धारा 7 के तहत राज्य सरकार ने अधिसूचना द्वारा हाई पावर कमेटी का गठन किया है. अब जोगी ने इसे ही संविधान के खिलाफ बता दिया है.