प्रयागराज. कुछ महीनों बाद महाकुंभ आयोजित होने वाले है. जिसको लेकर अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार से जवाब मांगा है कि श्रद्धालुओं के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं. साफ और पर्याप्त गंगाजल की क्या व्यवस्था है. हाईकोर्ट ने सरकार और मेला प्राधिकरण द्वारा तैयार की गई कार्य योजना की रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है.

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बता दें कि महिला अधिवक्ता सुनीता शर्मा, सोशल एक्टिविस्ट योगेंद्र पांडेय और पूर्व पार्षद कमलेश सिंह ने याचिका दायर कर कहा था कि प्रयागराज में कुछ महीनों बाद आयोजित होने वाले महाकुंभ में देश दुनिया से 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. दुनिया के इस सबसे बड़े धार्मिक मेले में यह श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए आएंगे. प्रयागराज में संगम और आसपास के घाटों पर इन दिनों आने वाले गंगाजल की स्थिति अच्छी नहीं है.

गंगा का यह जल न तो पीने लायक है ना ही स्नान करने और आचमन करने लायक. ऐसे में इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट को दखल देना चाहिए. यूपी सरकार की तरफ से इस जनहित याचिका का विरोध किया गया. वहीं कोर्ट से इसे खारिज किए जाने की सिफारिश की गई. यूपी सरकार की तरफ से कहा गया कि यह जनहित याचिका सिर्फ पब्लिसिटी पाने के लिए की गई है. लेकिन कोर्ट ने इस जनहित याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए यूपी सरकार व दूसरे जिम्मेदार लोगों से जवाब तलब कर लिया है.

वहीं सुनवाई में हाईकोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीर माना है. उनका कहना है कि महाकुंभ में दुनिया भर से संत महात्मा और श्रद्धालु प्रयागराज जाएंगे. इन श्रद्धालुओं को शुद्ध और पर्याप्त गंगाजल मिलना बेहद जरूरी है.