बिलासपुर- डोंगरगढ़ से बीजेपी विधायक सरोजनी बंजारे के खिलाफ निर्वाचन शून्य करने संबंधी लगी याचिका को आज बिलासपुर हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। आरोप लगाया गया था कि सरोजनी बंजारे ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए चुनाव लड़ा था। डोंगरगढ़ विधानसभा से कांग्रेस के पराजित उम्मीदवार डा. थानेश्वर पाटिला ने याचिका लगाई थी। गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। 40 पन्नों के अपने फैसले में कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
याचिका में आरोप लगाया गया था कि सरोजनी बंजारे महाराष्ट्र के नागपुर की रहने वाली है, लिहाजा छत्तीसगढ़ में निर्वाचन के लिए अपात्र हैं। साथ ही राजनांदगांव में शादी करने के बाद उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र तैयार किया।  इसलिए छत्तीसगढ़ में निर्वाचन के लिए अपात्र है। याचिका में यह भी कहा गया था कि मुंगेली जिला के पथरिया ब्लाक के उमरिया गांव में एक ही दिन में स्थायी औऱ अस्थायी जाति प्रमाण पत्र जारी करा लिया गया।
2013 में हुए विधानसभा चुनाव में सरोजनी बंजारे बीजेपी की उम्मीदवार थी। उन्होंने पूर्व मंत्री धानेश पाटिला के बेटे औऱ कांग्रेस उम्मीदवार डा.थानेश्वर पाटिला को करीब 4600 वोट से हराया था। चुनाव हारने के बाद ही थानेश्वर पाटिला ने सरोजनी बंजारे के निर्वाचन रद्द करने को लेकर 2014 में हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।