शैलेंद्र पाठक, बिलासपुर। राज्य सरकार द्वारा OBC/SC/ST के आरक्षण में बढ़ोतरी को लेकर उच्च न्यायालय में दायर याचिका निराकृत हो गई है. विधानसभा में आदेश के पारित नहीं होने की वजह से प्रदेश में यह प्रभावी नहीं है, जिसकी वजह से उच्च न्यायालय ने इसे सुनवाई के योग्य नहीं माना. लेकिन वर्ष 2012 में तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा आरक्षण को 50 से 58 प्रतिशत किए जाने के मामले में सुनवाई जारी रहेगी.

बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीते साल स्वतंत्रता दिवस पर रायपुर के पुलिस परेड मैदान में आयोजित मुख्य समारोह में राज्य के अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति वर्ग को 13 फीसदी और अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की थी. इस तरह से ओबीसी के आरक्षण में एक ही बार में 13 फीसदी की बड़ी बढ़ोतरी की गई थी.

सरकार के इस कदम के खिलाफ याचिकाकर्ता कुणाल शुक्ला के साथ विवेक ठाकुर और नवनीत तिवारी उच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी. याचिका में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं करने की दलील की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के इस कदम पर रोक लगा दी थी. इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए न्यायालय से साक्ष्य पेश करने की बात कही थी.