बिलासपुर। हाईकोर्ट की डबल बैंच ने राज्य शासन और पुलिस विभाग को एएसआई पद पर होने वाली पदोन्नति में एक पद सुरक्षित रखने का आदेश जारी किया है. जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस नरेश कुमार चंद्रवंशी के डिवीजन बैंच ने यह आदेश रायपुर जिले में पदस्थ हेड कांस्टेबल सरजू राम यादव की अपील याचिका पर सुनवाई कर जारी किया. याचिकाकर्ता की ओर से मामले में पैरवी अधिवक्ता अनादि शर्मा ने की.
इस मामले की सुनवाई पूर्व में 22 अप्रैल को जस्टिस पी. सैम कोशी की एकलपीठ में हुई थी. तब एकलपीठ ने राज्य सरकार और पुलिस विभाग को निर्देश जारी करते हुए कहा था कि जारी होने वाली हेड कांस्टेबल से सहायक उपनिरीक्षक पद पर पदोन्नति की सूची इस प्रकरण में पारित होने वाले निर्णय के अधीन रहेगी. एकल बैंच के इस आदेश के बाद अधिवक्ता अनादि शर्मा के मार्फ़त सरजू राम यादव ने डबल बेंच में अपील की.
मामले की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अनादि शर्मा ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता को वर्ष 2017 में मिली एक वर्ष के लिए ” दीर्घ शास्ति ” एक वेतनमान में असंचयी प्रभाव से कमी की सजा, सिविल सर्विस ( वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) 1966 के नियम 10 के अंतर्गत छोटी सजा की श्रेणी में आता है. कोर्ट को उन्होंने बताया कि पदोन्नति परीक्षा से एक दिवस पहले जारी हुई योग्यता सूची में अपीलार्थी का नाम जारी नहीं किया गया था, जबकि इसके पहले अपीलार्थी के दावा-आपत्ति के निराकरण के बाद उनका नाम योग्यता सूची में जोड़ा गया था. इसके अलावा अपीलार्थी का नाम पृथक करने के पश्चात उन्हें सुनवाई का अवसर दिया जाना चाहिए था, जो नहीं मिला था.
एकल बेंच के अंतरिम आदेश के विरुद्ध की गई रिट अपील का निराकरण करते हुए डिवीजन बैंच ने उपरोक्त तर्कों के आधार पर और मामले में नए तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अपीलार्थी के हित में सहायक उप निरीक्षक का एक पद सुरक्षित रखने का निर्णय दिया.
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