कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर नगर निगम क्षेत्र में मौजूद गंदगी पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। हाई कोर्ट ने सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट को लेकर दायर याचिका की सुनवाई के दौरान नगर निगम की सफाई व्यवस्था कटघरे में खड़ा किया। नगर निगम की कार्य प्रणाली पर कोर्ट ने चिंता जाहिर करने के बाद बीच सुनवाई में ही नगर निगम आयुक्त को शहर की गंदगी का निरीक्षण करने और लौटकर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। 

नगर निगम आयुक्त ने निरीक्षण की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की

हाई कोर्ट के निर्देश पर नगर निगम आयुक्त के साथ याचिका में पैरवी करने वाले अधिवक्ता भी मौजूद रहे। हाई कोर्ट के निर्देश पर औचक निरीक्षण करने पहुंचे नगर निगम आयुक्त को मुरार इलाके में काफी गंदगी मिली। इसके बाद नगर निगम आयुक्त ने प्रभारी वार्ड हेल्थ ऑफिसर दलवीर कनौजिया को तत्काल मूल पद पर भेजने के आदेश जारी कर दिए। इसके साथ ही अन्य संबंधित जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। नगर निगम आयुक्त ने निरीक्षण की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की, जिसके बाद न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 1 जुलाई तय की है। 

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इस मामले में ग्वालियर नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय का कहना है कि शहर की सफाई व्यवस्था एक महत्वपूर्ण विषय है और निगम में कमिश्नर से लेकर सफाई कर्मी का दायित्व है कि वह अपना योगदान देकर सफाई दुरुस्त रखें। इसको लेकर सभी स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक ली गई है। कल सभी WHO की बैठक ली जाएगी। जिसके जरिये निश्चित किया जाएगा कि जो हमारे कमर्शियली एरिया, मुख्य मार्ग जैसी सभी जगह पर सफाई मजबूती से बनी रहे। रात के समय सफाई में कमजोरी देखी गई है उसमें मजबूती लाई जाएगी। इसके साथ ही डोर टू डोर जो गाड़ियां हैं जहां नहीं जा रही है वहां की शिकायतें भी आ रही हैं, उसको लेकर ट्रैकिंग बढ़ाकर वहां व्यवस्था मजबूत की जाएगी। निगम की टीम को सक्रिय किया जा रहा है कि वह सूखा और गीला कचरा लोगों को जागरूक करें। इसको लेकर मुहिम भी चलाई जाएगी।

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