बिलासपुर। छत्तीसगढ़ शासन की स्थानांतरण नीति के विरुद्ध पति के पदस्थापना जिले से दूरस्थ जिले में स्थानांतरण किए जाने पर पत्नी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने आदेश पर स्थगन दिया है. इसके साथ ही जस्टिस राजेंद्र चंद सिंह सामंत ने याचिकाकर्ता को विभागीय सचिव के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने निर्देशित किया है.

जानकारी के अनुसार, कोरबा जिले में पदस्थ पुलिस निरीक्षक जांजगीर निवासी गायत्री शर्मा का ट्रांसफर पुलिस महानिदेशक ने बालोद जिला कर दिया गया. ट्रांसफर आदेश से क्षुब्ध गायत्री शर्मा ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर कर आदेश को चुनौती दी. अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं घनश्याम शर्मा ने हाईकोर्ट के समक्ष तर्क प्रस्तुत किया कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 2019 में जारी ट्रान्सफर पॉलिसी के तहत् यदि पति एवं पत्नी शासकीय सेवा में है, तो उनका एक जिले या एक ही स्थान पर स्थानांतरण का प्रयास किया जाएगा.

याचिकाकर्ता इंस्पेक्टर गायत्री शर्मा के पति दिनेश शर्मा जांजगीर-चांपा जिला में सब इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ हैं. कोरबा एवं जांजगीर-चांपा नजदीकी जिला होने की वजह से याचिकाकर्ता अप-डाउन कर अपने पारिवारिक जीवन व बच्चों की देखरेख आसानी से कर ले रही है. लेकिन बालोद जिला में ट्रांसफर से याचिकाकर्ता को पारिवारिक कर्तव्यों के निर्वहन में परेशानी होगी. इसके अलावा यह आदेश स्थानांतरण नीति का उल्लंघन है. जस्टिस सामंत ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए स्थानांतरण आदेश पर स्थगन देते हुए सचिव, गृह (पुलिस) विभाग के समक्ष उपरोक्त समस्त आधारों के साथ अपना अभ्यावेदन पेश करने निर्देशित किया.

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