वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. डीजे से हो रहे ध्वनि प्रदूषण को लेकर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. इस जनहित याचिका के साथ हस्तक्षेप याचिका पर हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस अरविंद कुमार चन्देल की डबल बेंच ने शासन को प्रकरण में कार्रवाई की जानकारी देने कहा. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए हैं कि, शहरों में साइलेन्स जोन घोषित कर डीजे प्रतिबंधित करना चाहिए.

बता दें कि, डीजे के कानफोड़ू शोर से हो रही दिक्कतों पर चीफ जस्टिस ने 2 माह पूर्व 29 सितंबर को स्वत: संज्ञान लिया है. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा मामले में पूर्व के आदेशों का उल्लेख करते हुए इनके पालन के संबन्ध में मुख्य सचिव को रिपोर्ट देने का अंतरिम आदेश पारित किया था.

सुनवाई के दौरान युगल पीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव को यह बताने को कहा कि उत्सवों के अवसर के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्रों, डीजे द्वारा उत्पन्न ध्वनि प्रदूषण के खतरे को खत्म करने के लिए क्या प्रयास किए? कोर्ट ने इस संबंध में एक विस्तृत शपथपत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे. इस पर शासन ने नियम बनाकर डीजे प्रतिबन्धित करने की जानकारी दी. चीफ जस्टिस ने माना कि, अफसर ध्वनि प्रदूषण के खतरे को रोकने में कोई भी प्रयास करने में विफल रहे हैं.

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