कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश फर्जी नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े मामले में सीबीआई की पुरानी जांच रिपोर्ट को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसी के साथ HC ने अब दोबारा से उन 169 सूटेबल कॉलेज की सीबीआई जांच करने के निर्देश दिए हैं। उच्च न्यायालय ने कहा कि यह जांच सिर्फ सीबीआई के अधिकारी नहीं करेंगे, बल्कि जिन-जिन जिलों में फर्जी नर्सिंग कॉलेज की जांच होगी, वहां के न्यायायिक मजिस्ट्रेट और स्कूल के प्रिंसिपल भी उस जांच में मौजूद रहेंगे। यही नहीं हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिए है कि इस पूरी जांच की वीडियोग्राफी भी की जाएगी। जिससे जांच प्रक्रिया में ट्रांसपेरेंसी बरती जा सके। वहीं HC ने यह भी कहा है कि इस जांच रिपोर्ट की एक कॉपी याचिकाकर्ता को भी दी जाए।

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CBI अधिकारियों के रिश्वतकांड के बाद हुई दोबारा जांच की मांग

दरअसल, पिछले दिनों नर्सिंग कॉलेज की जांच रिपोर्ट में सीबीआई के कुछ अधिकारियों के रिश्वत लेने का मामला सामने आने के बाद हाईकोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी। जिसमें कहा गया था कि सीबीआई के जिस अधिकारों ने जांच के एवज में रिश्वत मांगी है उन कॉलेजों की फिर से जांच कराई जाए। इस आवेदन को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने आज फिर से सीबीआई के 169 सूटेबल कॉलेज की दोबारा जांच करने के आदेश दिए है।

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पुराने नियमों के अनुसार होंगे 2024-25 के नए कॉलेज के रजिस्ट्रेशन

इसके अलावा हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान एक और अहम फैसला सुनाया है। HC ने कहा कि 2024 25 के लिए जो भी नए कॉलेज मान्यता के लिए रजिस्ट्रेशन करेंगे, वह रजिस्ट्रेशन सरकार के पुराने नियमों के तहत होंगे न की नए नियमों के तहत। आपको बता दें कि इस पूरे फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद सरकार ने कुछ नियमों को शिथिल किया था। जिसमें जमीन और कुछ चीजों में छूट दी थी।

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इस बात को लेकर भी याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में आपत्ति दर्ज की थी। याचिकाकर्ता एडवोकेट विशाल बघेल की ओर से बताया गया था कि सरकार पुराने नियमों को शिथिल करके फर्जीवाड़े की फांस में कुछ कॉलेजों को बचाना चाहती है, जिस पर सहमत होते हुए हाईकोर्ट ने नए कॉलेज के रजिस्ट्रेशन के लिए पुराने मान्यता को ही पैमाना माना है।

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