बिलासपुर. नितिन सिंघवी की दायर पीआईएल में छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा वन अधिकार पट्टा वितरित किए जाने को लेकर स्टे की माँग की थी और हाईकोर्ट ने पूर्व में स्टे प्रदान किया था. मंगलवार को इस मामले में छत्तीसगढ़ शासन की ओर से महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा ने पक्ष रखा.

न्यायालय को बताया कि ऐसा ही मामला सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष लंबित हैं एवं वर्तमान याचिका इस न्यायालय में नहीं चल सकती. सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष छत्तीसगढ़ शासन ने अपना शपथ पत्र प्रस्तुत किया हुआ है, जिसमें छत्तीसगढ़ में जितने भी आदिवासी पट्टा, वन अधिकार पट्टा धारित व्यक्ति है, उनके पट्टे को जो पिछली सरकार ने ख़ारिज किया था, उन सभी में नियमों का पालन नहीं हुआ है. अतः राज्य सरकार सभी व्यक्तियों का पट्टा नवीनीकरण नियमानुसार करेगी.

उच्च न्यायालय ने नितिन सिंघवी की याचिका को समाप्त करते हुए कहा कि अपनी बातों के लिए  उच्चतम न्यायालय जा सकते हैं. तब तक सरकार नए पट्टे नहीं बनाएगी और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के तहत बाक़ी पट्टों का नवीनीकरण जांच पड़ताल इत्यादि जारी रखेगी.