हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश का इंदौर नगर निगम एक तरफ जहां 1000 करोड़ की राजस्व वसूली का जश्न मना रहा है, वहीं दूसरी ओर कोर्ट की कार्रवाई से निगम की साख पर सवाल खड़े हो गए हैं। जिला कोर्ट की टीम 2 करोड़ 24 लाख की बकाया राशि की वसूली के लिए नगर निगम मुख्यालय तक पहुंच गई और कुर्की की कार्रवाई शुरू कर दी।

यह पूरा मामला 2017 का है, जब गणेशगंज इलाके में रोड चौड़ीकरण के लिए एक मकान को तोड़ा गया था। मकान मालिक रवि शंकर मिश्रा ने मुआवजा न मिलने पर हाईकोर्ट में परिवाद दायर किया था। कोर्ट के आदेश के बाद अब जिला कोर्ट की टीम ने कुर्की का नोटिस निगम कार्यालय पर चिपका दिया।

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जैसे ही कोर्ट की टीम नगर निगम पहुंची, परिसर में अफरा-तफरी मच गई। निगम आयुक्त का ऑफिस सील कर दिया गया। इस दौरान निगम के कई अफसरों और कर्मचारियों के होश उड़ गए। बाद में हालांकि ऑफिस की सील खोल दी गई, वहीं गाड़ियों पर लगे ‘नगर निगम’ के स्टीकर को अधिकारियों के ड्राइवर और चपरासी से हटवा दिया गया।

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आपको बता दें कि यह वही नगर निगम है जो टैक्स वसूली करते समय लोगों के घर के बाहर ढोल नगाड़े बजाकर टैक्स की राशि बताता था और अब कुशीनगर निगम में कोर्ट के आदेश पर कुर्की के नोटिस चिस्पा किए गए। अब सवाल ये है कि एक ओर नगर निगम करोड़ों की वसूली का डंका बजा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर कोर्ट की कुर्की का सामना क्यों करना पड़ रहा है ?

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