वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. दुर्ग के चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल कॉलेज में नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है, हाईकोर्ट ने नियुक्ति पर लगी रोक को हटा दिया है.
देवराज साहू व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी, जिसमें कहा गया था कि याचिकाकर्ता चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल कॉलेज में बतौर कर्मचारी 3-8 वर्षों से कार्यरत था. इसी दौरान छग सरकार ने छत्तीसगढ़ चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल कॉलेज दुर्ग (अधिग्रहण) अधिनियम 2021 बनाया, जिसके तहत उक्त कॉलेज का अधिग्रहण राज्य सरकार द्वारा कर लिया गया था. याचिकाकर्ताओं द्वारा उक्त अधिनियम की धारा 12 को चुनौती दी गई थी कि उक्त अधिनियम संविधान के नियमों के अनुरूप नहीं बनाया गया है.
अधिनियम के आने से याचिकाकर्ता को नौकरी से बाहर होना पड़ रहा था. 17 फरवरी 2022 को हाईकोर्ट के डिविजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई, कोर्ट ने आगामी आदेश तक चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल कॉलेज की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी. राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था.
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को दिया जवाब
इधर राज्य सरकार ने मामले में जवाब प्रस्तुत किया, जिसमें बताया गया कि उक्त अधिग्रहण अधिनियम संविधान के अनुरूप बनाया गया है. चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल कॉलेज एक निजी कंपनी के कंट्रोल में था और उस पर कार्यरत् कर्मचारी निजी कर्मचारी होने के कारण उनका संविलियन शासकीय नौकरी में नहीं किया जा सकता. चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल कॉलेज को राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित किया जा चुका है. इसलिए अब राज्य सरकार द्वारा उक्त मेडिकल कॉलेज के संचालन के लिए कर्मचारियों की सीधी भर्ती करना आवश्यकता है इसलिए उक्त स्थगन आदेश को हटाने कोर्ट से निवेदन किया गया था. मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने स्थगन हटा दिया है, अब राज्य सरकार चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल कॉलेज में कर्मचारियों की नियुक्ति कर सकती है.