इंदर कुमार, जबलपुर। कम्युनल आरक्षण लागू करने के खिलाफ दतिया और ग्वालियर मेडिकल कॉलेज के डीन को जबलपुर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। ग्वालियर के गजराजा मेडिकल कॉलेज और दतिया मेडीकल कॉलेज में नर्स के पदों पर की जा रही भर्ती की संवैधनिकता को चुनोती दी गई है । इसी याचिका पर आज सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग और डीन मेडीकल को नोटिस जारी किया है । मामले में अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी।

दरअसल ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि, ओबीसी, एसस, एसटी और EWS के वर्ग के मेरिटोरियस छात्राओं को उन्हीं की केटेगिरी में चयनित किया गया है। जबकि सामान्य नियम है कि आरक्षित वर्ग के मेरिटोरियस अभ्यर्थियों को अनारक्षित वर्ग में चयन किया जाना चाहिए।

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वहीं दोनों ही मेडिकल कॉलेजों ने जो मेरिट सूची बनाई है, उसमे कहीं भी सरकार के गाइड लाइन का पालन नहीं किया गया है। इसके कारण आरक्षित श्रेणी की काट आफ मार्क अनारक्षित/सामान्य से ज्यादा है जो अपने आप में गलत है।

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डबल बेंच में हुई सुनवाई
याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस मो.रफीक और विजय कुमार शुक्ला की खंडपीठ ने सुनवाई की। याचिका कर्ता की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि, दोनों ही मेडीकल कालेजो द्वारा भर्ती प्रक्रिया में नियमो की अनदेखी की गई है, साथ ही लोकसेवा आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 4, के अलावा इंद्रा शाहनी वनाम भारतसंघ में 9 जजो की संवैधानिक पीठ के निर्णय के भी खिलाफ है। मेडिकल कॉलेज के डीन ने नियम विरुद्ध भर्ती को अंजाम दिया है जो अधिनियम 1994 की धारा 6 के तहत आपराधिक कृत्य है लिहाज उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने की मांग की। पूरे मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग और डीन मेडीकल को नोटिस जारी किय़ा।

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