बिलासपुर। हाईकोर्ट ने अपने अहम फैसले में शिक्षा के अधिकार कानून को लेकर राज्य सरकार को तगड़ा झटका दिया है. हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों के यूनिफार्म, बैग और किताबों को स्कूल ही उपलब्ध कराएगी.
कोर्ट ने ये फैसला भगवंत राव की एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. जिसमें केंद्र सरकार के शिक्षा के अधिकार कानून 2009 और छत्तीसगढ़ के शिक्षा के अधिकार नियम 2010 के प्रावधानों के अनुसार शाला को गरीब बच्चों को मुफ्त गणवेश, पाठ्यपुस्तक और लेखन सामग्री देने का निर्देश दिया था.
याचिकाकर्ता के वकील देवर्षी ठाकुर ने बताया कि सरकार ने 2013 में एक नोटिफिकेशन के ज़रिए ये व्यवस्था कर दी थी कि इन स्कूलों में इन चीजों के बदले साढ़े छै सौ रुपये दे दिए जाते थे. जिससे अभिभावक तमाम खर्चों का वहन करते थे. बाद में ये राशि सरकार की ओर से स्कूल को दे दी जाती थी.
लेकिन कोर्ट ने अपने फैसले में इस नोटिफिकेशन को सही नहीं माना है और राज्य सरकार को ये व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है.