बिलासपुर- रामा ग्रुप के प्रस्तावित प्रोजेक्ट रामा ग्रीन्स को लेकर हाईकोर्ट में लगी जनहित याचिका पर आज सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस पी आर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी पी साहू की डबल बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस याचिका को दो हफ्तों बाद लिस्ट करने का आदेश दिया है.
रायपुर निवासी राजकुमार दुबे ने अपने वकील अर्जित तिवारी के जरिए हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाते हुए कहा था कि राजधानी के अमलीडीह इलाके में प्रस्तावित रामा ग्रीन्स प्रोजेक्ट के लिए रामा ग्रुप ने जिस ले आउट को नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से पास कराया है, उसमें सरकारी जमीन भी शामिल हैं. ले आउट पास कराने के दौरान इसकी जानकारी छिपाई गई. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन किया गया. याचिका पक्ष के वकील ने कहा कि- राज्य सरकार के समक्ष भूमि आवंटन के लिए एक आवेदन दिया गया है. चूंकि यह भूमि निस्तार पत्रक में दर्ज है, लिहाजा यह भू राजस्व संहिता 1950 के प्रावधानों के तहत आबंटित नहीं की जा सकती.
इधर रामा ग्रुप ने अपने वकील के जरिए बेंच से कहा कि- प्रोजेक्ट को लेकर जो ले आउट पास कराया गया, उसमें कोई सरकारी जमीन शामिल नहीं है. ग्रुप ने यह स्पष्ट किया है कि प्रोजेक्ट के भीतर जरूर सरकारी जमीन आ रही है. इसे प्रोजेक्ट दायरे में शामिल किए जाने का एक आवेदन सरकार के पास लंबित है. ग्रुप ने कहा है कि नगर तथा ग्राम निवेश विभाग ने जो ले आउट पास कराया है. वह हमारे पास मौजूद है. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद डबल बेंच ने रिट याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्तों का वक्त दिया है.