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कुमार इंदर, जबलपुर। 20 जून 2022 को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा स्टेनोग्राफर व सहायक ग्रेड तीन के 1255 पदों की प्रारंभिक परीक्षा के घोषित रिजल्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई की गई, जिसमें कोर्ट ने जवाब पेश करने के लिए अंतिम मौका दिया है।

बता दें कि 30 मार्च को जारी रिजल्ट की वैधानिकता को चुनोती देते हुए याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि घोषित परीक्षा परिणाम जिसमें कम्युनल अर्थात 100% आरक्षण लागू करके एससी, एसटी, ओबीसी के प्रतिभावान छात्रों को ज्यादा नंबर लाने के बाद भी चयन से वंचित कर दिया गया है। अनारक्षित वर्ग की कटऑफ 78 अंक और ओबीसी का कट ऑफ 82 प्रतिशत निर्धारित किया गया था, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।

याचिका में कहा गया है कि रिजल्ट असंवैधानिक तथा आरक्षण नियम 4 तथा सुप्रीम कोर्ट द्वारा इंद्रा शाहनी के प्रकरण में दिए गए निर्देशों के खिलाफ है। दस याचिकाओं की सुनवाई जस्टिस सुजय पॉल व पी सी गुप्ता के खण्ड पीठ में शुरू होते ही याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व विनायक प्रसाद शाह ने न्यायालय को बताया कि परीक्षा परिणाम में कम्युनल आरक्षण लागू किया गया है, जो आरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है। उच्च न्यायालय की ओर से अधिवक्ता ने जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय चाहा गया। याचिकाकर्ता की ओर से न्यायालय को बताया गया कि मुख्य परीक्षा के लिए फार्म भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। फार्म भरने की आखिरी तारीख 1 जुलाई 2022 को देखते हुए न्यायालय ने जवाब देने के समय के साथ ही अगली सुनवाई 28 जून को निश्चित की है।

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