शैलेन्द्र पाठक बिलासपुर। लॉकड़ाउन में तेलंगाना से पैदल छत्तीसगढ़ आ रही 12 साल की बच्ची जमलो मडकामी के मौत के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने अगली सुनवाई में सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश जारी किया है. मामले पर अगली सुनवाई अब दो हफ्ते बाद होगी.

बीजापुर के आदेड गांव से 12 साल की बच्ची जमलो मडकामी गांव के अन्य लोगों के साथ रोजगार की तलाश में पहले तेलंगाना गई थी, वहां पेरूर गांव में मिर्ची तोड़ने का काम करती थी. कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान वह अप्रैल के महीने में 11 मजदूरों के साथ अपने गांव की ओर चल दी. करीब 100 किमी का जंगली सफर तय कर प्रवासी मजदूरों का दल 18 अप्रैल को बीजापुर के मोदकपाल तक पहुंचा था. इसी दौरान जमलो की मौत हो गई.

मामले को लेकर अंबिकापुर के लॉ स्टूडेंट ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट को चिट्ठी लिखी थी, जिसको संज्ञान में लेते हुए हाईकोर्ट ने उसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मैनन और पी.पी साहू की डिवीजन बेंच ने की.
मामले में हाईकोर्ट ने राज्य शासन और स्टेट लीगल अथॉरिटी को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश जारी किया था. सुनवाई के दौरान स्टेट लीगल अथॉरिटी ने हाईकोर्ट के सामने अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश की. अथॉरिटी ने हाईकोर्ट को बताया कि बच्ची की मौत पानी की कमी और थकान की वजह से हुई थी. इसके साथ ही अथॉरिटी ने यह भी बताया कि बच्ची सफर के दौरान चोटिल हो गई थी, इसलिए चोट भी बच्ची की मौत की वजह हो सकती है.

अथॉरिटी ने अदालत को बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से बच्ची के परिवार को 5 लाख रुपए का अनुदान भी दिया गया है. सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने शासन से बच्ची के मामले में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश जारी किया है. इसके साथ ही सभी प्रवासी मजदूर जो दूसरे राज्यों से छत्तीसगढ़ आ रहे हैं, उनके लिए क्या इंतजाम किए गए, कैसी तैयारी उनके लिए की जा रही है, इसकी पूरी स्टेटस रिपोर्ट पेश करने शासन से कहा गया है.