शैलेंद्र पाठक, बिलासपुर। प्रमोशन में आरक्षण के मामले में शासन ने हाईकोर्ट से जवाब देने के लिए समय मांगा है. इस बीच मामले में हाईकोर्ट की रोक जारी है. एस संतोष कुमार द्वारा दायर याचिका पर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई.

बता दें कि राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा (पदोन्नति) नियम में संशोधन की अधिसूचना और पदोन्नति में आरक्षण के लिए रोस्टर जारी किया था. अधिसूचना के मुताबिक, पदोन्नति में अब अनुसूचित जाति के शासकीय सेवकों को 13 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के शासकीय सेवकों को 32 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही गई थी. लेकिन इसके खिलाफ लगाई गई याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने स्थगन दिया है.

शासन की अधिसूचना पर हाईकोर्ट से मिले स्टे पर छ्त्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ, अजाक्स, अजा-अजजा वर्ग के अखिल भारतीय परिसंघ ने हाईकोर्ट में महाधिवक्ता कार्यालय द्वारा सही ढंग से पक्ष नहीं रखे जाने पर आक्रोश व्यक्त किया था, साथ ही हाईकोर्ट में शासन की इस हार के लिये जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री, मंत्री व विधायकों से बात रखने का निर्णय लिया.