वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में साइबर अपराध के प्रकरणों के लिए अहम इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की जांच के लिए विशेषज्ञ की नियुक्ति न होने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्त गुरु की डिवीजन बेंच ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता से पूछा कि नियुक्ति कब तक होगी? इस पर केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता रमाकांत मिश्रा ने बताया कि साइबर विशेषज्ञ की नियुक्ति एक के बाद एक तीन चरणों को पूरा कर ही की जा सकती है।

कोर्ट को बताया कि पहले चरण में फॉरेंसिक लैब की स्थापना होगी। अन्य दो चरण पूरे होने बाद नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। इस प्रक्रिया में सितंबर 2025 तक का समय लगेगा। इस पर चीफ जस्टिस ने केंद्र से कहा कि समाज की भलाई के लिए आपने एक संस्था बनाई है, अगर उसके हेड की नियुक्ति में इतनी जटिलताएं होंगी तो फिर आगे क्या होगा? केंद्र सरकार की ओर से प्रक्रियाओं को पूरा होने में दो महीने का समय लगने की जानकारी दी गई। इस पर कोर्ट ने और अधिक समय नहीं देने की बात कहते हुए कहा कि हम आशा और विश्वास करते हैं कि जल्द नियुक्ति की जाएगी। मामले में अगली सुनवाई 6 अक्टूबर 2025 को रखी गई है।