विक्रम मिश्र, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी एक सम्मानित नाम है। जबकि यहां पर लगभग उत्तर प्रदेश के साथ सीमावर्ती इलाके के लोगों का भी इलाज होता है। ऐसे में एक नया मामला KGMU के साथ प्रकाश में आया है। जहां पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केजीएमयू के कुलपति को अंग प्रत्यारोपण विभाग के सम्बन्ध में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजन राय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने हरिशंकर पांडेय की ओर से वर्ष 2017 में दाखिल जनहित याचिका पर किया है।

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याचिका कर्ता ने याचिका में आरोप लगाया गया है कि केजीएमयू में अंग प्रत्यारोपण विभाग वर्ष 2013 में शुरू किया गया, लेकिन यह काम नहीं कर रहा है। जबकि वित्तीय अनियमितता की भी संशय इसमें निहित है। हालांकि केजीएमयू की तरफ दाखिल दलील में अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि ये विभाग यूरोलॉजी विभाग के तहत काम कर रहा है।

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इस पर कोर्ट ने कुलपति को हलफनामा दाखिल करने और स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई सितम्बर के पहले सप्ताह में होगी।

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