कुमार इंद्रर, जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय द्वारा रिटायर्ड महिला प्रोफेसर को चार साल बाद भी पेंशन और रिटायरमेंट लाभ न देने के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव श्री अनुपम राजन को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। डॉ. अंजना शर्मा वर्ष 2021 में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से प्रोफेसर के पद से रिटायर हुई थीं। रिटायरमेंट के चार साल बीत जाने के बाद भी उन्हें पेंशन, ग्रेच्युटी सहित कोई भी सेवानिवृत्ति लाभ नहीं दिया गया। आज तक उनका PPO (Pension Payment Order) और GPO (Gratuity Payment Order) तक जारी नहीं किया गया है।
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पहले भी हाईकोर्ट ने इस मामले में विश्वविद्यालय को कई बार लाभ देने के आदेश दिए थे, लेकिन आदेशों की अवहेलना होने पर डॉ. अंजना शर्मा ने अधिवक्ता पंकज दुबे के माध्यम से अवमानना याचिका दायर की। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस की बेंच ने दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे व रितिका गुप्ता ने पैरवी की।
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याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि हाईकोर्ट ने पहले भी कई बार विश्वविद्यालय को पेंशन व अन्य लाभ तत्काल देने के स्पष्ट आदेश दिए थे। इसके बावजूद जानबूझकर अवहेलना की जा रही है। एक महिला प्रोफेसर को चार साल तक पेंशन से वंचित रखना घोर अन्याय है। अब कोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी कर दिया है, उम्मीद है जल्द न्याय मिलेगा।”मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।
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