रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा है कि प्रदेश के उच्च न्यायालय ने भी प्रदेश सरकार द्वारा डॉ. आलोक शुक्ला की पोस्ट रिटायरमेंट संविदा नियुक्ति को लेकर प्रदेश सरकार से तीन सप्ताह में ज़वाब देने को कहा है। यह भाजपा द्वारा उठाई गई आपत्ति की प्रामाणिकता को रेखांकित करता है। श्रीवास्तव ने कहा कि दरअसल भाजपा इस संविदा नियुक्ति को प्रदेश सरकार की ग़लत मंशा का अवैध विस्तार मानती है और इसलिए भाजपा ने प्रदेश सरकार के इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। विदित रहे, इस मामले में एक याचिका रायपुर भाजपा विधि विभाग के प्रदेश संयोजक नरेश गुप्ता ने उच्च न्यायालय बिलासपुर में दायर की थी जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार के 2019 में संविदा नियुक्ति के लिए बनाए गए नियम के उल्लंघन की बात कही गई है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा कि उक्त नियम में तीन प्रावधान हैं; पहला जिस व्यक्ति को संविदा नियुक्ति दी जाएगी, उसका तीन साल की गोपनीय रिपोर्ट (सीआर) बहुत अच्छी होनी चाहिए, दूसरा सरकार में काम करते हुए उनका तीन साल का कार्यकाल अबाध गति से सरकार के प्रति निष्ठा के अनुरूप होना चाहिए और तीसरा जिसे संविदा नियुक्ति दी जा रही है, उसके विरुद्ध देश या प्रदेश के किसी भी न्यायालय में कोई अभियोजन लंबित नहीं होना चाहिए। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने ही बनाए नियम का उल्लंघन करते हुए रिटायर्ड आईएएस डॉक्टर आलोक शुक्ला को संविदा नियुक्ति दे दी है जो घोटाले को एक मामले में एक न्यायालय से जमानत पर हैं और उनका मामला लंबित है। यह आदेश उच्च न्यायालय बिलासपुर के विद्वान न्यायाधीश गौतम भादुड़ी ने जारी किया।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा कि संविदा भर्ती नियम 9/2012 के प्रावधानों की अनदेखी कर प्रदेश सरकार द्वारा की गई ताज़ा संविदा नियुक्ति बदनीयती का उदाहरण है। डॉ. शुक्ला नान घोटाले में चार्जशीटेड हैं और उनके ख़िलाफ़ अभियोजन चल रहा है। यहाँ तक कि तत्कालीन मुख्य सचिव ने उनके निलंबन की सिफ़ारिश भी की हुई है। ऐसे सेवानिवृत्त अधिकारी की संविदा नियुक्ति पर भाजपा ने तत्काल आपत्ति दर्ज़ कराई और कहा कि यह नियुक्ति कर प्रदेश सरकार घोटालेबाजों को संरक्षण देकर उपकृत करने की अपनी शर्मनाक मंशा का परिचय दे रही है। श्रीवास्तव ने कहा कि भ्रष्टाचार के एक आरोपी अधिकारी की संविदा नियुक्ति कर उसे प्रमुख सचिव स्तर की ज़िम्मेदारी सौंपना प्रदेश सरकार की प्रशासनिक समझ और सूझबूझ पर सवाल तो खड़ा तो करता ही है, साथ ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रदेश सरकार के राजनीतिक पाखंड को भी बेनक़ाब करता है। श्रीवास्तव ने कहा कि भाजपा को न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है और वह क़ानून के राज व न्यायपालिका के प्रति पूरा सम्मान रखती है।