वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। बिलासपुर-भोपाल फ्लाइट बंद किए जाने पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने कड़ा रुख अपनाया है. कोर्ट ने एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया (एएआई) से पूछा है कि बिलासपुर-भोपाल उड़ान को बंद किए जाने पर अलायंस एयर के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है, और अनुबंध की शर्तों को न मानने के खिलाफ कार्रवाई का क्या प्रावधान है. इसके साथ ही अलायंस एयर को अलग से नोटिस जारी किया गया है. मामले की अगली सुनवाई मई के दूसरे सप्ताह में तय की गई है.

बिलासपुर-भोपाल और बिलासपुर-इंदौर की फ्लाइट बंद किए जाने को लेकर लगाई गई जनहित याचिका की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी व जस्टिस पी सैम कोशी की डिवीजन बेंच में हुई. एएआई की ओर से प्रस्तुत जवाब में यह बताया गया कि बिलासपुर-भोपाल उड़ान को बंद कर बिलासपुर-इंदौर उड़ान शुरू तो की गई थी, परंतु उसे उड़ान योजना का दर्जा नहीं दिया गया था, इसलिए उसमे वीजीएफ सब्सिडी नहीं दी गई. विमान सेवा को बंद करना अलायंस एयर का व्यावसायिक निर्णय है.

हालांकि, एएआई ने स्वीकार किया कि बिलासपुर-भोपाल उड़ान बंद करना सही नहीं है, और उसे नोटिस देने की तैयारी चल रही है. सुनवाई में सेना के कब्जे वाली 1012 एकड़ जमीन की वापसी का मामला भी उठा. खंडपीठ ने पूछा कि यदि केंद्र और राज्य दोनों सैद्धांतिक रूप से जमीन वापसी के लिए सहमत हो चुके हैं तो इस पर समयबद्ध कार्यक्रम होना चाहिए. खंडपीठ ने पारित आदेश में इसके लिए 45 दिन का समय देते हुए कहा कि जनहित के कार्य के लिए यथाशीघ्र ठोस कदम उठाये जाने चाहिए. सभी पक्षों को सुन कर खंडपीठ ने पूरी 1012 एकड़ जमीन एक बार में ही वापस लेने के प्रस्ताव को उचित माना.

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