सुप्रिया पांडेय, रायपुर. प्रदेश के मुकबधिर बच्चों के जीवन में बदलाव लाने के उद्देश्य से रायपुर में उच्च स्तरीय दिव्यांग पब्लिक स्कूल की स्थापना की गई है, जिसका शुभारंभ 3 जुलाई को होने जा रहा है. अर्पण दिव्यांग पब्लिक स्कूल की खासियत है कि यहां पढ़ाई करने वाले बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दी जाएगी. बाहर से आने वाले छात्रों के लिए छात्रावास की व्यवस्था भी की गई है.

दिव्यांग स्कूल में बच्चों को शिक्षा देने के साथ ही उनके स्वास्थ्य का ध्यान भी रखा जाएगा, जिससे बच्चे पढ़ाई करने के साथ ही समाज की मुख्यधारा से जुड़े रहे. आमतौर पर मुकबधिर स्कूलों में बच्चों को सांकेतिक भाषा में शिक्षा दी जाती है, लेकिन इस स्कूल में बच्चों के स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया जाएगा. इस स्कूल में आडियोलाजिस्ट डॉ. राकेश पांडेय व डॉ. देव मिश्रा द्वारा बच्चों की नियमित जांच की जाएगी. स्पीच थेरेपी विशेषज्ञ डॉ. रूचिरा पांडेय भी समय-समय पर बच्चों की जांच करती रहेगी. आने वाले समय में यहां थेरेपी जांच कक्ष भी बनाया जाएगा.

बेहतर भविष्य की संकल्पना साकार होगी: दुबे
सभापति प्रमोद दुबे ने कहा कि इस स्कूल के माध्यम से मुकबधिर बच्चों के बेहतर भविष्य की संकल्पना साकार होगी. बच्चे न सिर्फ शिक्षा प्राप्त करेंगे बल्कि समाज की मुख्यधारा से भी जुड़ेंगे. आडियोलाजिस्ट डॉ. राकेश पांडेय ने कहा कि बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी. कई बार परिजन महंगी फीस की वजह से अपने बच्चों को पढ़ा नहीं पाते इसलिए बच्चो को निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी, ताकि ज्यादा संख्या में बच्चे इस स्कूल में एडमिशन ले सके.


अभियान चलाकर लोगों को कर रहे जागरुक
स्पीच थेरेपी विशेषज्ञ डॉ. रूचिरा पांडेय ने कहा कि परिजन कई बार बच्चों की स्थिति को समझ नहीं पाते. इस इंतजार में होते है कि उनका बच्चा जल्द ही बोल लेगा या सुन लेगा, लेकिन ऐसा नहीं होता. यदि शुरूआत में ही बच्चे की स्थिति पता चल जाए तो उसे जल्दी ठीक किया जा सकता है. बच्चा मुकबधिर है या नहीं, ये परिजनों को भी एहसास हो, इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिससे परिजन अपने बच्चों की हरकतांे से उनकी वास्तविक स्थिति का पता लगा सके.