रायपुर। छत्तीसगढ़ वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) और मुख्य वन्यजीव वार्डन अरुण कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में नवा रायपुर के आरण्य भवन में गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई, जिसमें वन भैंसा (वाइल्ड बफैलो) के संरक्षण, संख्या वृद्धि, स्थानांतरण और समग्र वन्यजीव प्रबंधन पर विस्तृत चर्चा की गई. बैठक की शुरुआत राज्य के राजकीय पशु वन भैंसा के संरक्षण पर केंद्रित रही, जहां पाण्डेय ने कहा कि इस दिशा में विभागीय अधिकारियों और विशेषज्ञों के समन्वित प्रयास बेहद जरूरी हैं. उन्होंने संरक्षण कार्यों के लिए एक व्यापक कार्ययोजना बनाकर उसे प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर दिया.

बैठक में डॉ. आर.पी. मिश्रा ने प्रेज़ेंटेशन के माध्यम से अब तक किए गए संरक्षण कार्यों, मौजूदा स्थिति और भविष्य की जरूरतों का विस्तार से विवरण साझा किया. उन्होंने बताया कि वन भैंसा प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा वन्य प्राणी है और इसके संरक्षण के लिए निरंतर वैज्ञानिक प्रयास आवश्यक हैं. चर्चा के दौरान बताया गया कि उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व और बारनवापारा अभयारण्य वन भैंसों के प्रजनन और संरक्षण के लिए आदर्श वातावरण प्रदान करते हैं. फिलहाल बारनवापारा में 1 नर और 5 मादा वन भैंसे मौजूद हैं. वन भैंसों की सटीक संख्या और शुद्ध नस्ल की पहचान के लिए जियो-मैपिंग तकनीक का उपयोग करने की योजना भी प्रस्तुत की गई.

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि वन भैंसों के स्थानांतरण के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्डलाइफ और NTCA से अनुमति जल्द प्राप्त की जाएगी, जिसके लिए एक विशेष दल दिल्ली भेजा जाएगा. वहीं दो पशु चिकित्सकों को पूर्णकालिक रूप से तैनात करने का फैसला लिया गया, ताकि स्थानांतरण व संरक्षण के दौरान भैंसों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. साथ ही सेंट्रल जू अथॉरिटी की अनुमति लेकर जंगल सफारी और अन्य क्षेत्रों में सैटेलाइट-आधारित निगरानी प्रणाली स्थापित करने की तैयारी भी चल रही है.
बैठक में काला हिरण (कृष्ण मृग) के संरक्षण पर भी चर्चा हुई. बताया गया कि लगभग 50 साल बाद 2018 में बारनवापारा अभयारण्य में काला हिरण पुनर्स्थापन कार्यक्रम शुरू किया गया था. बेहतर बाड़े, जल निकासी, पोषण व्यवस्था और समर्पित टीम की तैनाती जैसे प्रयासों के परिणामस्वरूप आज बारनवापारा में लगभग 190 काले हिरण मौजूद हैं. इस सफलता को देखते हुए अन्य अभयारण्यों में भी काला हिरण पुनर्स्थापन की योजना बनाई जा रही है.
इस बैठक में वन विभाग और विभिन्न वन्यजीव संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों-जिनमें व्ही. माधेश्वरन, सतीविशा समाजदार, धम्मशील गनवीर, संदीप बलगा, डॉ. आर.पी. मिश्रा, डॉ. सम्राट मंडल, डॉ. विवश पांडेव, डॉ. राहुल कौल, डॉ. संदीप तिवारी, डॉ. कोमोलिका भट्टाचार्य, डॉ. जी.के. दत्ता, डॉ. जसमीत सिंह सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया.
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