सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। सरकार के महत्वपूर्ण महकमे में सहायक संचालक पर आरटीआई कार्यकर्ता ने गंभीर आरोप लगाया है. संयुक्त संचालक पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी हासिल कर विभाग में लाखों रुपए का गड़बड़झाला करने की बात कही है.
आरटीआई कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने समाज कल्याण विभाग के सहायक संचालक पंकज वर्मा पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी हासिल करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि महज दसवी पास पंकज वर्मा फिजियोथेरेपिस्ट का फर्जी डिप्लोमा दिखाकर समाज कल्याण विभाग में संयुक्त संचालक के पद पर पहुंच गए. इसके पहले भी कई प्रमोशन कई इंक्रीमेंट लग चुका है.
सूचना के अधिकार से मिले दस्तावेज़ से खुलासा हुआ है कि जिस यूनिवर्सिटी का दस्तावेज प्रमाण पत्र पंकज वर्मा ने अपनी नौकरी के लिए लगाया है, उसकी उन्होंने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी थी. इस नौकरी को बचाने के लिए अरबों रुपया का गबन दिव्यांगों निराश्रित के लिए आवंटित राशि में भ्रष्टाचार किया जा रहा है. चौंकाने वाली बात यह है कि करोड़ों-करोड़ों के अलग-अलग घोटाले में शिकायत हुई, जिसके बाद जांच टीम बैठी, लेकिन शिकायत सही पाने के बावजूद आज दिनांक तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
सामाजिक कार्यकर्ता ने माँग की है कि अगर इस पर कार्रवाई नहीं होती है तो वो उग्र आंदोलन करेंगे. वहीं इस मुद्दे पर समाज कल्याण विभाग के संयुक्त संचालक पंकज वर्मा ने कहा कि कोई भी कुछ भी कह दे यह सही नहीं है, जो भी आरोप लगाया जा रहा है वो निराधार है बिलकुल गलत है.