- मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने कहा- नक्सलवाद के खात्मे के लिए जरूरत सिर्फ बेहतर रणकौशल और नए दृष्टिकोण की है.
- मुख्य सचिव विवेक ढांड के प्रस्ताव पर जल्द बस्तर जुड़ेगा हवाई सेवा से.
- अमन सिंह ने माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी पर जोर दिया.
नई दिल्ली- नक्सलवाद के मुद्दे पर दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने कहा कि नक्सलवाद का अंत निकट है। उन्होंने बैठक में केन्द्र सरकार से छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद से अतिप्रभावित जिलों में सुरक्षा और विकास से जुड़े विभिन्न कार्यों के लिए अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता की मांग की। डा.रमन सिंह ने कहा कि – वर्ष 2016 में हमने नक्सल प्रभावित इलाकों में 225 किलोमीटर से भी ज्यादा सड़कों का निर्माण किया जो अपने आप में एक कीर्तिमान है। उन्होंने कहा – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने नक्सल समस्या पर जिस गंभीरता, दृढ़ता और दूरदृष्टि के साथ खुले दिल और दिमाग से छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों की मदद कर रहे हैं, उससे हमारा यह विश्वास मजबूत हुआ है कि नक्सलवाद, वामपंथी उग्रवाद का अंत निकट है।
नक्सलवाद के खात्मा को लेकर मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने केन्द्र सरकार को कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने आधुनिक टेक्नॉलाजी के सभी आवश्यक संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल किए जाने की जरूरत पर भी बल दिया। डॉ. रमन सिंह ने प्रधानमंत्री और केन्द्रीय गृहमंत्री को बस्तर के लिए चार नई आरआई बटालियनों की स्वीकृति देने पर धन्यवाद दिया और कहा कि इन बटालियनों में तीन हजार लोगों को नियुक्त किया गया है। इनमें 75 प्रतिशत बस्तर के स्थानीय युवा शामिल हैं। सीआरपीएफ ने भी बस्तर से ही 743 लोगों का चयन बस्तर बटालियन के लिए किया है। इन स्थानीय लोगों की पांच बटालियनें सुकमा और बीजापुर में मैदानी हालात बदल देगी।
विशेष बस्तर विकास योजना की जरूरत
डॉ. रमन सिंह ने केन्द्रीय गृहमंत्री को बस्तर के लिए विशेष बस्तर विकास योजना की जरूरत बतायी और कहा कि यह प्रस्तावित योजना सुरक्षा अभियानों की सहायता करते हुए रणनीतिक रूप से कनेक्टिविटी और सरकार की उपस्थिति बढ़ायेगी, साथ ही जनता में भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। डॉ. सिंह ने बैठक में छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में पचास-पचास करोड़ रूपए के अलग-अलग विशेष फंड की जरूरत बतायी और कहा कि इस राशि से स्थानीय आवश्यकताओं पूर्ति और विशेष रूप से स्थानीय समस्याओं के समाधान की दिशा में मदद मिलेगी।
जिलों में भी बनना चाहिए यूनिफाइड कमान
डा.रमन सिंह ने नक्सल क्षेत्रों के लिए मुख्यमंत्रियों की अध्यक्षता में वर्तमान में कार्यरत राज्य स्तरीय एकीकृत कमान (यूनिफाइड कमान) का विस्तार प्रभावित जिलों तक करने का सुझाव दिया और कहा कि नक्सल विरोधी अभियान में मैदानी सफलता के लिए संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षकों के अधीन केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की सदस्यता में जिला स्तरीय यूनिफाइड कमान बनाया जाना चाहिए। इसी तरह सीआरपीएफ और बीएसएफ तथा राज्य पुलिस की टीमों का तीन से पांच दिनों तक के संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाना चाहिए। सुकमा, बीजापुर और कांकेर में भी ऐसी सुविधाओं के साथ एक शुरूआत की जा सकती है। इसका त्वरित लाभ यह होगा कि राज्य और केन्द्रीय बल एक टीम के रूप में बेहतर तालमेल के साथ काम कर सकेंगे। उन्होंने सुकमा जैसे अत्यधिक माओवाद प्रभावित जिलों को इस समस्या से आजाद करने के लिए स्पष्ट लक्ष्य के साथ एक अभियान शुरू करने का भी आव्हान किया। मुख्यमंत्री ने कहा सुकमा और बीजापुर के अंदरूनी इलाकों में सड़कों का निर्माण भी जरूरी है। सड़कें विकास सुनिश्चित करती हैं। नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार सड़कों का निर्माण इस बात का प्रतीक है कि वहां विकास हो रहा है, जनता विकास से जुड़ रही है और नक्सलियों के पांव उखड़ रहे हैं। इसी बौखलाहट में नक्सली प्रतिक्रिया स्वरूप कायरता पूर्ण हमले करते हैं, लेकिन हमें भयभीत नहीं होना चाहिए और रोड ओपनिंग पार्टियों को बंद नहीं करना चाहिए। सड़क निर्माण पूरी गति से होना चाहिए। जरूरत सिर्फ नये दृष्टिकोण और नये रणकौशल की है।
राज्य को 121 अतिरिक्त मोबाइल टावरों की मांग
डॉ. रमन सिंह ने कहा – सड़क, दूर संचार और अन्य बुनियादी सम्पर्क अधोसंरचना का संबंध सिर्फ जनता को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने से नहीं है, बल्कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में भी इसका महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा -छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों में केन्द्र सरकार के उपक्रम बीएसएनएल ने सभी 146 मोबाइल टावरों की स्थापना का श्रेष्ठ कार्य किया है। दूर संचार विभाग ने 35 अतिरिक्त टावरों की मंजूरी दी है। हमें 121 अतिरिक्त मोबाइल टावरों की जरूरत है और वर्तमान टावरों की क्षमता 2 एमबीपीएस तक बढ़ाने की भी आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा – टेलीकॉम कनेक्टिविटी से विकास और सुरक्षा बल दोनों की मदद होती है। बस्तर में इसका कव्हरेज क्षेत्र भी वर्तमान में 19 फीसदी है और केवल 18 प्रतिशत घरों में मोबाइल फोन है।
चार जिलों में ऑप्टिकल फाइबर केबल के लिए 160 करोड़ का प्रस्ताव
डॉ. रमन सिंह ने कहा – इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों में 2957 किलोमीटर में भारत नेट की ऑप्टिकल फाइबर केबल के लिए 160 करोड़ रूपए की लागत का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा है। इन चारों जिलों में 200 से ज्यादा जनसंख्या वाले गांवों में टेलीकॉम कव्हरेज के दिलाने के लिए 274 अतिरिक्त मोबाइल टावरों की जरूरत है। इसमें 82 करोड़ रूपए की लागत आएगी। उन्होंने कहा – नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा के लिए कुल तीन नए आकाशवाणी केन्द्रों की स्वीकृति मिल गई है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री और केन्द्रीय गृहमंत्री को धन्यवाद दिया। डॉ.रमन सिंह ने बैठक में बताया कि इन केन्द्रों के लिए राज्य सरकार ने भूमि तय कर ली है। उन्होंने कांकेर में आकाशवाणी के एम.एम. ट्रांसमीटर की भी मांग रखी। उन्होंने कहा – बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर में एयरपोर्ट तैयार हो रहा है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि यह एयर पोर्ट जल्द तैयार हो जाएगा और नागरिक विमानन मंत्रालय को इसके उपयोग की अनुमति केन्द्र से जल्द मिल जाएगी। डॉ. रमन सिंह ने बैठक में कोण्डागांव के लिए नए केन्द्रीय विद्यालय का प्रस्ताव को जल्द स्वीकृति देने का आग्रह किया।
दल्लीराजहरा-रावघाट रेल परियोजना
डॉ. रमन सिंह ने बैठक में दल्लीराजहरा रावघाट रेलमार्ग परियोजना का उल्लेख करते हुए कहा – रेलवे ने दिसम्बर 2017 तक इस रेल लाइन को भानुप्रतापपुर तक पहुंचाने का वादा किया है। डॉ. सिंह ने इस सम्पूर्ण रेल परियोजना को जल्द से जल्द पूर्ण करने के लिए केन्द्र से और भी अधिक सहयोग का आग्रह किया। उन्होंने कहा -छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का क्रियान्वयन सफलतापूर्वक किया जा रहा है। राज्य में लगभग 10 महीने पहले शुरू इस योजना के तहत अब तक 11 लाख से ज्यादा रसोई गैस कनेक्शन वितरित हो चुके हैं। इन्हें मिलाकर तीन साल में 35 लाख घरों तक उज्ज्वला योजना को पहुंचाने का लक्ष्य है। नक्सल प्रभावित आठ जिलों में छह लाख 61 हजार लक्ष्य के विरूद्ध एक लाख 80 हजार कनेक्शन दिए गए हैं। उन्होंने कहा – दरअसल नक्सल प्रभावित जिलों में लोगों को यह भय है कि यदि वे इस योजना में रसोई गैस कनेक्शन लेंगे तो उनकी केरोसीन की पात्रता खत्म हो जाएगी। डॉ. रमन सिंह ने बैठक में केन्द्र सरकार से यह भी अनुरोध किया कि ऐसे जिलों और अनुसूचित क्षेत्रों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के हितग्राहियों के लिए भी केरोसीन की पात्रता जारी रखी जाए। उन्होंने कहा – प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में रसोई गैस कनेक्शन वितरण के लिए नक्सल समस्या वाले जिलों सहित अंदरूनी इलाकों में 50 वितरक स्वीकृत हुए हैं। दूसरे चरण में 92 वितरकों का प्रस्ताव है, लेकिन केवल 48 स्थानों के लिए स्वीकृति मिली है। उन्होंने शेष वितरण केन्द्रों को भी जल्द मंजूरी देने का आग्रह किया।
राज्य के बैंकों में नकदी की कमी जल्द दूर करने का आग्रह
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के कुछ बैंकों में नकदी, विशेष रूप से 500 और 2000 के नोटों की कमी का उल्लेख करते हुए कहा – दैनिक 1500 करोड़ रूपए कैश बैलेंस के विरूद्ध 900 से 1000 करोड़ रूपए रह गया है। इससे एटीएम पर समस्या बढ़ रही है। उन्होंने आम नागरिकों और किसानों की सुविधा के लिए इस समस्या को जल्द हर करने का आग्रह किया। डॉ. सिंह ने कहा – भारतीय रिजर्व बैंक को उनके क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से छत्तीसगढ़ के बैंकों को ज्यादा से ज्यादा मदद करने के लिए कहा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा – छत्तीसगढ़ राज्य को ऐतिहासिक कारणों से नक्सलवाद की समस्या विरासत में मिली है और उसका दंश झेलना पड़ा है। इससे राज्य के दुर्गम क्षेत्रों के आदिवासी इलाकों में रहने वाली जनता सर्वाधित प्रभावित हुई है। सुरक्षा और विकास की समन्वित रणनीति बनाकर हम लोग काम कर रहे हैं, लेकिन नक्सलवादियों ने विकास की कोशिशों को अवरूद्ध कर ग्रामीणों का जीवन संकटमय और कठिन बनाया है, जिसकी हम कठोर शब्दों में भर्त्सना करते हैं।
केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी
नक्सल प्रभावित राज्यों में टेक्नालाजी के बेहतर उपयोग के लिए केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जाएगा। ये कमेटी राज्य सरकार के साथ कोआर्डिनेट करेंगी। माओवाद प्रभावित इलाकों में कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रिसिटी, रोड इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसर्पोटेशन जैसे प्रोजेक्ट को पूरा करने में मदद करेगी।
देश के नक्सल प्रभावित राज्यों में टेक्नालॉजी के बेहतर उपयोग के लिए गृह सचिव राजीव महर्षि की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी। ये कमेटी राज्य सरकारों से सतत संपर्क में रहेगी। तथा भारत सरकार के मंत्रालयों से कोआर्डिनेट कर माओवाद ग्रस्त इलाके के डेवलपमेंट में मोबाइल टॉवर से लेकर बिजली, रोड, पानी, ट्रांसपोटेशन के प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने में मदद करेगी।
हवाई सेवा से जल्द जोड़ा जाए- ढांड
बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव विवेक ढांड ने कहा कि जगदलपुर को जल्द ही हवाई सेवा से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जगदलपुर हवाई सेवा से जुड़ने के बाद बस्तर से बेहतर कनेक्टिविटी हो सकेगी। विवेक ढांड के प्रस्ताव पर बैठक के मौजूद केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ने मंत्रालय के आला अधिकारियों को निर्देशित किया, जिसके बाद बताया गया कि जल्द ही हवाई सेवा शुरू कर दी जाएगी।
बैठक में आवास एवं पर्यावरण सचिव अमन सिंह ने कहा कि बस्तर में माओवाद के खात्मे के लिए रोड, इलेक्ट्रिक, कम्युनिकेशन से जुड़े विकास कार्यों को गति देना जरूरी है। उन्होंने बेहतर कनेक्टिविटी के लिए माडर्न टेक्नालाजी के इस्तेमाल की जरूरत बताई।