नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ने गुरुवार देर रात सैटलाइट ”कलाम सैट” और माइक्रोसैट-आर का सफल परीक्षण किया. गुरुवार को प्रक्षेपण के दौरान PSLVC-44 ने इन दो सैटलाइट को लेकर उड़ान भरी, जिसके बाद इसरो ने इस प्रक्षेपण के सफल होने की जानकारी दी. उड़ान के कुछ मिनटों बाद ही इसरो ने माइक्रोसैट-आर को उसकी वांछित कक्षा में स्थापित कर दिया. अहम बात ये है कि इस उपग्रह को हाईस्‍कूल के छात्रों ने बनाया है और इसकी लॉन्चिंग मुफ्त में की गई. पहली बार इसरो ने किसी भारतीय निजी संस्था का उपग्रह लॉन्च किया. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने भी वैज्ञानिकों को पीएसएलवी के इस सफल लॉन्च के लिए अपनी शुभकामनाएं दी.

दरअसल इसरो ने गुरुवार रात (11.37 मिनट पर ) अपने पीएसएलवी रॉकेट के साथ छात्रों का बनाया उपग्रह ”कलाम सैट” मुफ्त में लॉन्च किया. इसरो के मुताबिक यह दुनिया का अब तक का सबसे हल्का उपग्रह है. करीब 1.26 किलो वजन का यह उपग्रह लकड़ी की कुर्सी से भी हल्‍का है.

कलाम सैट का नाम पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्पेस किड्स नाम की निजी संस्था के छात्रों ने इसे महज 6 दिन में बनाया है. स्पेस किड्स इंडिया चेन्नई की स्पेस एजुकेशन फर्म है. जिस उपग्रह को लॉन्‍च किया जा रहा है उसे वायरलेस कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.

इस उपग्रह की लॉन्चिंग पीएसएलवी-सी44 रॉकेट के साथ हुई. इस रॉकेट ने कलामसैट के अलावा पृथ्वी की तस्वीरें लेने में सक्षम माइक्रासैट-आर को लेकर उड़ान भरी. यह पीएसएलवी की 46वीं उड़ान थी जो चार-चरणीय व्‍हीकल है.

बता दें कि इसरो ने हाल ही में साल 2019 में 32 मिशन लॉन्च करने का ऐलान किया था. इस मिशन में 14 रॉकेट, 17 सैटेलाइट के अलावा एक टेक डेमो मिशन हैं.  वहीं साल 2018 में 17 लॉन्च व्‍हीकल मिशन और 9 अंतरिक्ष यान मिशन लॉन्च किए.