गोविन्द पटेल, कुशीनगर. योगी सरकार जिरो टारलेंस की बात भले करती हो, लेकिन जमीनी धरातल पर जिरो टारलेंस की नीति फेल होती नजर आ रही है. जनपद के कसया में बना हाईटेक बस स्टेशन पर सरकार ने चार करोड़ अठ्ठासी लाख रुपए खर्च किए, लेकिन यह परियोजना पूरी तरह भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गई है.

स्टेशन बनने के दो साल के अंदर ही हाईटेक बस स्टेशन बदहाल हो गया. करोड़ों की लागत से बने इस हाईटेक बस स्टैंड आज अपनी बदहाली पर आंशू बहाता नजर आ रहा है. इसमें लगे कुर्सियां, शौचालय का दरवाजा, परिसर की टाइल्स और इंटरलॉकिंग उखड़ गए हैं. वहीं उद्घघाटन के समय लगा एसी भी अफसर उखाड़ ले गए. बस स्टैंड परिसर में लाइट और साफ-सफाई का इंतजाम भी नहीं दिखता. जिसके चलते हाईटेक बस स्टैंड अपनी बदहाली पर आंशू बहाता नजर आता है और शाम होते ही इसका परिसर अंधेरे में डूब जाता है.

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यात्रियों ने अधिकारियों से की शिकायत

हाईटेक बने बस स्टैंड परिसर में निजी वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है. अगर इसके लिए कोई कर्मचारी अगर कुछ कहते हैं तो वाहन स्वामी राजनीतिक धौंस दिखाकर उनको चूप कर देते हैं. वहां मौजूद यात्रियों ने बताया कि महिलाओं के लिए बने शौचालय पर शाम होते ताला लटक जाता है, जिससे महिला यात्रियों को बहुत दिक्क्त होती है. नवनिर्मित हाईटेक बस स्टैंड की बदहाली की शिकायत यात्रियों ने जिम्मेदार अधिकारियों से की है. अब देखने वाली बात होती है कि इस हाईटेक बने बस स्टैंड की बदहाली में बदलाव होता है या इसी तरह अपनी बदहाली पर आंसू बहाता रहता है.

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