राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग ने एक फरमान जारी कर प्रोफेसर के सीधे मंत्री से मिलने पर पाबंदी लगा दी है। अब प्रोफेसर न तो सीधे उच्च शिक्षा मंत्री से मिल सकेंगे न ही सीधे पत्र लिख सकेंगे। इस आशय का आदेश शासन ने जारी कर दिया है। इस संबंध में विभाग ने सभी प्राचार्यों को सर्कुलर भेजा दिया है। सर्कुलर से चेतावनी जारी की है कि भविष्य में कोई भी प्रोफेसर, अधिकारी या अन्य शासकीय सेवक विभागाध्यक्ष की लिखित अनुमति के बिना मंत्री से संपर्क नहीं करेगा, न ही सीधे पत्र लिखेगा। ऐसा करने पर उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सर्कुलर में इस बात का जिक्र किया गया है कि- -सरकारी कॉलेज में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी पदोन्नति, विभागीय जांच और स्थानांतरण के संबंध में मंत्री से मिलते हैं और उन्हें सीधे पत्र लिखते हैं, इस तरह का आचरण सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों के लिए न तो नियमानुकूल और ना ही शोभनीय है। प्रोफेसर व अन्य कर्मचारी उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से अपने काम को लेकर सीधे न मिले।

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