हेमंत शर्मा,इंदौर। मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बड़ा बयान दिया है. मोहन यादव ने सांसद शंकर लालवानी की तुलना बाबा महाकाल से की है. उन्होंने कहा कि शंकर बनना आसान नहीं है. शंकर बनने के लिए गले में विष धारण कर दुनिया को अमृत पिलाने के लिए संकल्पित होना पड़ता है.
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने इंदौर के होलकर साइंस महाविद्यालय में लोकार्पण और भूमि पूजन के कार्यक्रम में पहुंचे थे. मोहन यादव ने मंच से इंदौर सांसद शंकर लालवानी से कहा कि शंकर बनना आसान नहीं है. शंकर बनने की पहली शर्त है विष को गले में धारण करके दुनिया को अमृत पिलाने के लिए संकल्पित होना है. लगातार आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करना है.
उन्होंने आगे कहा कि जीवन मात्र के लिए दया का सागर यह शंकर को शोभायमान होता है. इसलिए माननीय भाव में आसपास में गले में तमाम जितनी बाधाएं हैं, सब आसपास लपेटे रहे, गले में सर्प है. आसपास में भांग धतूरे हैं. इसी बीच कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि शंकर के आंगन में तुलसी है.
तब उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि भगवान महाकाल की जो पूजा कर रहा है. महाकाल की पूजा में एक मंत्र सब को बोलना पड़ता है शिवाय नमः विष्णु नमः. जब तक नहीं बोलते तब तक पूजा पूरी नहीं मानी जाती है. इसके साथ ही आकाश विजयवर्गीय को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि आकाश विशाल है. आकाश में लाखों चांद तारे समाए हुए हैं और आकाश बहुत सुंदर है.
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