Nameplate Controversy In Himachal Pradesh: BJP शासित राज्य यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath ) की राह पर कांग्रेस (Congress) शासित राज्य हिमाचल प्रदेश भी चल पड़ा है। उत्तर प्रदेश के बाद हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार (Sukhu Government) ने होटल-ढाबों और रेस्तरां वालों के लिए ‘नेमप्लेट’ वाला फरमान जारी किया है। जी हां… हिमाचल में भी यूपी की तर्ज पर हर भोजनालय और फास्ट फूड कॉर्नर, रेहड़ी पर मालिक की आईडी लगाई जाएगी, ताकि लोगों को किसी भी तरीके की परेशानी न हो। इसके लिए शहरी विकास एवं नगर निगम की बैठक में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) ने फेसबुक पर पोस्ट डालकर यह जानकारी दी।

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हालांकि कांग्रेस हाईकमान को मंत्री विक्रमादित्य सिंह का ये फरमान रास नहीं आया है। खबर है कि मंत्री विक्रमादित्य सिंह की टिप्पणी से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत पार्टी हाईकमान नाराज है। बीती रात उन्हें हाईकमान ने दिल्ली तलब किया और जमकर फटकार लगाई। उन्होंने प्रभारी राजीव शुक्ला को मामले की जानकारी दी है।

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इससे पहले यूपी की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने भी दुकानदारों को फरमान जारी करते हुए विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि वेंडर्स, होटल मालिकों, ढाबा वालों को अपना नाम और पहचान लिखना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए तमाम स्ट्रीट वेंडर्स को पहचान पत्र जारी किया जाएगा। इस फैसले के पीछे वजह ग्राहकों के लिए पारदर्शी व्यवस्था बनाना है।

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मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिया ये तर्क

न्य़ूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मंत्री विक्रमादित्य ने कहा कि हाल ही में हिमाचल प्रदेश में जो घटनाएं हुई हैं, उसमें शांतिपूर्ण माहौल बनाना हमारी जिम्मेदारी है और नगर पालिका ने कहा है कि राज्य में समय-समय पर टाउन वेंडिंग कमेटियां बनाई जानी चाहिए। अगर किसी भी राज्य से लोग रोजगार के लिए हिमाचल आते हैं तो उनका स्वागत है। हम चाहते हैं कि राज्य में शांति और सद्भाव बना रहे। कानून व्यवस्था भी बनी रहे। सुरक्षा, स्वच्छता के जो मुद्दे आते हैं, हमें उन पर भी नजर रखनी होगी। लिहाजा हमने बैठक की और कहा कि विक्रेताओं की पहचान की जाएगी, फिर चाहे वो हिमाचल का हो या हिमाचल से बाहर का। जब हमने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया तो मुख्यमंत्री ने भी कहा कि इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के नेता हैं और हम इसका (रेहड़ी-पटरी) दीर्घकालिक समाधान निकालेंगे. प्रदेश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

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यूपी सरकार का फैसला

बता दें कि 24 सितंबर को उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में संचालित सभी भोजनालयों और खाद्य दुकानों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया था। उन्हें मालिकों के नाम प्रदर्शित करने, सीसीटीवी कैमरे लगाने और खाद्य पदार्थों में मिलावट पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया। यूपी के मुख्यमंत्री ने अन्य राज्यों में खाद्य सामग्री में मानव अपशिष्ट मिलाने की घटनाओं का जिक्र करते हुए किसी भी खाद्य पदार्थ में मिलावट के खिलाफ भी चेतावनी दी। एक दिन पहले, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भोजनालयों की दुकानों पर मालिकों, प्रबंधकों और कर्मचारियों के नाम उनकी दुकानों के बाहर प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया था। होटलों और रेस्तरां में सीसीटीवी लगाना भी अनिवार्य कर दिया गया है।

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