नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने और असम का मुख्यमंत्री बनने के बाद हिमंत बिस्वा सरमा काफी मुखर हो गए हैं. उनके बयान अब राष्ट्रीय सुर्खियां बटोरने लगे हैं. उनका ताजा बयान एक बार फिर राहुल गांधी को लेकर आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर राहुल गांधी जनसंख्या नियंत्रण के ब्रांड एंबेसडर बन जाएं तो खटा-खट नहीं, बल्कि फटाफट काम होगा. इसे भी पढ़ें : कर्नाटक सरकार अब अपनी लोक लुभावनी योजनाओं के लिए पैसा जुटाने मूवी टिकट और ओटीटी सब्सक्रिप्शन पर लगाएगी 2% सेस…
हिमंत बिस्वा सरमा ने स्थानीय पत्रकारों से एक लंबी चर्चा में मुसलमानों में बाल विवाह की चर्चा करते हुए कहा कि तीन साल में कोई चमत्कार तो नहीं कर सकता हूं. अपने 2009 में स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर कार्यकाल की चर्चा करते हुए कहा कि मेरे कार्यकाल के दौरान एक लाख पुरुषों की नसबंदी हुई थी. बाद में कार्यक्रम पटरी से उतर गया. मुसलमानों को वोट बैंक मानते हुए अगर राजनीतिक नेता जनसंख्या नियंत्रण अभियान में शामिल न हो तो हम जनसंख्या नियंत्रण कैसे करेंगे.
उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के राजनीतिक नेताओं के दो बच्चे होते हैं, लेकिन वे गांव में जाकर अपने समुदाय के लोगों को दो बच्चों का सुझाव नहीं देते हैं. वे (मुस्लिम) मेरी नहीं सुनते हैं, वे मुझे दुश्मन मानते हैं. ऐसे में वे जिनको अपना दोस्त मानते हैं, उन्हें सामाजिक जिम्मेदारी लेने की जरूरत है.
हिमंत विश्व सरमा ने कहा कि मेरे विचार से कांग्रेस पर जनसंख्या नियंत्रण की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि वे कांग्रेस की सुनते हैं. कल अगर राहुल गांधी जनसंख्या नियंत्रण के ब्रांड एंबेसडर बन जाएं तो यह चीज (जनसंख्या नियंत्रण) जल्द होगी. इससे खटा-खट नहीं, बल्कि फटाफट काम होगा, क्योंकि वे मेरी नहीं उनकी सुनते हैं. मुझे तो दुश्मन मानते हैं.
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