लाहौर: एक 92 वर्षीय बुजुर्ग भारतीय महिला शनिवार को अपने पुश्तैनी घर को देखने के लिए पाकिस्तान पहुंची. पाकिस्तानी उच्चायोग ने सद्भावना के तौर पर भारतीय महिला रीना छिब्बर को तीन महीने का वीजा जारी किया है, जो विशेष तौर पर अपने पुश्तैनी घर को देखने पहुंची है.  दोनों देशों के बंटवारे से पहले वह रावलपिंडी में रहती थीं. जबकि वह वर्तमान में पुणे में रह रही हैं. उन्होंने हिना रब्बानी खार को टैग करते हुए अपनी इच्छ जाहिर की इसके बाद उन्हें वीजा मिला.

  एक वीडियो में रीना ये कहती हुए नजर आ रही हैं कि वह अपने पैतृक घर प्रेम निवास, अपने स्कूल और बचपन के दोस्तों से मिलेंगी. उनके मन में सालों से ये हसरत थी, जो कि अब जाकर पूरी हुई है.

एजेंसी के मुताबिक भारत-पाकिस्तान के बंटबारे के वक्त रीना वर्मा का परिवार रावलपिंडी के देवी कॉलेज रोड पर रहता था. वर्तमान में रीना पुणे में रह रही हैं. रीना कहती हैं कि मेरी पढ़ाई मॉडर्न स्कूल से हुई. मेरे चार भाई-बहन भी इसी स्कूल में पढ़ते थे.

 रीना वर्मा ने बताया कि उन्होंने 1965 में पाकिस्तानी वीजा के लिए आवेदन किया था, लेकिन वीजा नहीं मिल पाया था. क्योंकि उन दिनों युद्ध के हालात थे. इसके बाद रीना ने पिछले साल सोशल मीडिया पर अपने पैतृक घर जाने की इच्छा जाहिर की थी. फिर पाकिस्तानी नागरिक सज्जाद हैदर ने सोशल मीडिया पर उनसे संपर्क किया और रावलपिंडी में उसके घर की तस्वीरें भेजीं.

  रीना ने बताया कि जब बंटवारा हुआ था तब वह सिर्फ 15 साल की थीं. बीते सालों में कई  बार अपने पैतृक घर जाने की इच्छा हुई, लेकिन वह अब पूरी हुई है. दरअसल, भारत स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग ने सद्भावना के तौर पर रीना वर्मा को तीन महीने का वीजा जारी किया है.