रायपुर। मानसून सत्र के पहले दिन विधानसभा में बृहस्पति सिंह पर हमले का मुद्दा गूंजा. भाजपा विधायकों ने जोर-शोर से मुद्दा उठाते हुए मामले को दुर्भाग्यजनक बताते हुए सदन की समिति से जांच कराने की मांग की. विपक्षी सदस्यों के भारी शोरगुल के बीच सदन की कार्यवाही 5 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी गई.

सदन में बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ये दुर्भाग्यजनक है. देश के इतिहास में ऐसी घटना नहीं हुई. एक विधायक मंत्री पर आरोप लगा रहा है कि मंत्री मेरी हत्या करा सकते हैं. इससे गम्भीर मुद्दा सदन में कुछ दूसरा नहीं हो सकता. वहीं अजय चंद्राकर ने कहा कि ये मुद्दा बेहद गम्भीर है. विधायक ही सुरक्षित नहीं है. नारायण चंदेल ने कहा कि सदन शुरू होने के ठीक पहले विधायक पर हुआ हमला विधायिका पर हुए हमले की तरह है. पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कँवर ने कहा कि आसंदी विधायकों को संरक्षण देती है, ऐसे में इस मामले में जांच की घोषणा की जानी चाहिए.

सत्तारूढ़ दल के दबाव में चल रहा सदन

भाजपा विधायकों ने कहा कि आज हम यहाँ मौजूद सभी विधायकों के ज़मीर को जगाना चाहते हैं. अजय चंद्राकर ने कहा, सत्तारूढ़ दल के दबाव में सदन चल रहा है. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, ऐसी घटना के ज़रिए विधायकों को भयभीत किया जा रहा है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि हमारी जानकारी में ये पहली घटना है. ये सिर्फ़ कांग्रेस के लिए बल्कि छत्तीसगढ़ के लिए दुर्भाग्यजनक है. इसमें सुमो मोटो एक्शन होना था. यदि ऐसी घटना में सूक्ष्म जांच नहीं की जाती और किसी विधायकों के साथ अप्रिय घटना घटेगी तो ये आसंदी की ज़िम्मेदारी होगी. हम सभी की मांग है कि सदन की कमेटी से इसकी जाँच की जाए.

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मुख्यमंत्री का पद सवालों के घेरे में

संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि अख़बारों की कतरन के आधार पर विपक्ष ने अपनी बातें रख दी. वहीं धरमलाल कौशिक ने कहा कि इस सरकार में संवादहीनता की स्थिति है. एक मंत्री को अपनी बात रखने के लिए चिट्ठी लिखनी पड़ती है. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री पद कटघरे में है. विधायक ने कहा है कि मुख्यमंत्री बनने के लिए हत्या की जा सकती है. आरोप लगाने वाले विधायक और जिस मंत्री पर आरोप लगा हैं उन्हें सदन में पहले सुना जाए, साथ ही विधायक के घर गए 18 विधायकों को भी सुना जाए. मुख्यमंत्री का पद सवालों के घेरे में है.

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