Hindi Language Controversy In Tamil Nadu: तमिलनाडु में हिंदी भाषा विवाद गहरा गया है। तमिलनाडु में भाषा विवाद के बीच जहां सत्तारूढ़ डीएमके केंद्र पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया है। इसे लेकर डीएमके के कार्यकर्ताओं ने रविवार को कोयंबटूर के पोलाची रेलवे स्टेशन (Pollachi Junction) के बोर्ड पर स्टेशन के हिंदी नाम पर कालिख पोत दी। वायरल वीडियो में कार्यकर्ता ‘पोल्लाची जंक्शन’ के हिंदी में लिखे नाम को काला करते नजर आए। हालांकि, रेलवे अधिकारियों ने तुरंत इसे ठीक कर दिया। मामले में रेलवे ने एफआईआर दर्ज कर लिया है।

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पालघाट डिवीजन के दक्षिण रेलवे ने सोशल मीडिया पर बताया कि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ रेलवे अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। उन्हें कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा।

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बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत तीन-भाषा नीति को लेकर केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच खींचतान चल रही है। तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके लंबे समय से केंद्र सरकार और बीजेपी पर हिंदी थोपने का आरोप लगा रही है।

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इससे पहले CM एमके स्टालिन ने शनिवार को केंद्र सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने तमिलनाडु अभिभावक-शिक्षक संघ के कार्यक्रम में कहा कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर साइन करने के लिए केंद्र सरकार 2 हजार या 10 हजार करोड़ ही क्यों न दे दे, मैं साइन नहीं करूंगा। उन्होंने कहा था कि अगर राज्य ने 2 हजार करोड़ रुपए के लिए अपने अधिकार छोड़ दिए तो तमिल समाज 2 हजार साल पीछे चला जाएगा। मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन कभी ऐसा पाप नहीं करेगा।

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85 साल से तमिल की रक्षा के लिए लड़ रहाः CM एमके स्टालिन

स्टालिन ने कहा- द्रविड़ आंदोलन 85 साल से तमिल की रक्षा के लिए लड़ रहा है। पिछले 75 सालों में भारत में 52 भाषाएं खत्म हो गई और अकेले हिंदी पट्टी में 25 भाषाएं विलुप्त हो गई। जिन राज्यों ने हिंदी के वर्चस्व के कारण अपनी मूल भाषाएं खो दी, उन्हें अब सच्चाई का एहसास हो रहा है।

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भाषाओं के बीच कोई दुश्मनी नहींः PM मोदी
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत तीन-भाषा नीति को लेकर केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच चल रही खींचतान के बीच, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि भारत की भाषाएं हमेशा बिना किसी दुश्मनी के एक-दूसरे को प्रभावित और समृद्ध करती रही हैंय़ नई दिल्ली में 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भारतीय भाषाओं के बीच कभी कोई दुश्मनी नहीं रही है। भाषाओं ने हमेशा एक-दूसरे को प्रभावित और समृद्ध किया है। अक्सर, जब भाषाओं के आधार पर विभाजन पैदा करने की कोशिश की गई, तो भारत की साझा भाषाई विरासत ने इसका माकूल जवाब दिया। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने लोगों से ऐसी ‘गलत धारणाओं’ से खुद को दूर रखने और सभी भाषाओं को समृद्ध बनाने के लिए कहा।

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ट्राई लैंग्वेज वॉर यहां से शुरू हुआ

15 फरवरी : केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वाराणसी के एक कार्यक्रम में तमिलनाडु की राज्य सरकार पर राजनीतिक हितों को साधने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु को समग्र शिक्षा मिशन के लिए लगभग 2400 करोड़ रुपए की राशि तब तक नहीं मिलेगी, जब तक की वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरी तरह से अपना नहीं लेता।

16 फरवरी : तमिलनाडु के CM स्टालिन ने कहा कि तमिल लोग ब्लैकमेलिंग या धमकी सहन नहीं करेंगे। अगर राज्य को समग्र शिक्षा के फंड से वंचित किया गया, तो केंद्र को ‘तमिल्स यूनीक नेचर’ यानी तमिलों के मजबूत विरोध का सामना करना पड़ेगा।

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