बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से हिन्दू महिलाओं के साथ लगातार बलात्कार की ख़बरें आ रही हैं। नोबल प्राइज विजेता मोहम्मद यूनुस अपने देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने में तो पूरी तरफ फेल हो ही गए हैं वे जिहादियों को ये कुकर्म करने की मौन सहमति भी दे रहे है। यहीं वजह है कि धार्मिक आधार पर ये नरपिशाच कमजोर और संख्या में कम हिन्दू बच्चियों और बहू-बेटियों को अपना शिकार बना रहे हैं। कुमिल्ला के मुरादनगर में हिंदू महिला के खिलाफ रेप केस से भी अब मोहम्मद यूनुस की सरकार बैकफुट पर है। आनन-फानन में पुलिस ने रेप के मुख्य आरोपी समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन ढाका तक इस केस की गूंज है। बांग्लादेश में यूनुस की सरकार आने के बाद रेप का नया ट्रेंड देखने को मिला है। मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट की मानें तो बांग्लादेश में बलात्कारियों के निशाने पर छोटी बच्ची, दिव्यांग और हिंदू युवती है। दिनों-दिन इन लोगों के खिलाफ अपराध में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
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जून में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 363 केस
मानवाधिकार संगठन एमएसएफ के मुताबिक इसी साल जून में बांग्लादेश में महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ हिंसा के 363 केस सामने आए हैं। प्रतिदिन के हिसाब से यह 12 है। यानी औसतन 12 महिलाओं/युवतियों के साथ बांग्लादेश में रोजाना हिंसक घटनाएं होती है। ये वो आंकड़े हैं, जो रिकॉर्ड में लिए जा रहे हैं। संगठन के मुताबिक रेप की 67 घटनाएं बांग्लादेश में दर्ज की गई है। 17 घटनाएं सामूहिक बलात्कार के हैं। वहीं 4 केस ऐसे हैं, जिसमें बलात्कारियों ने रेप के बाद पीड़ित की हत्या कर दी।
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आंकड़ें छुपाने में भिड़ी यूनुस सरकार
अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के मुताबिक बांग्लादेश में रेप की घटनाएं जितनी हो रही है, उसके एक प्रतिशत भी पुलिस और सरकार दर्ज नहीं कर पा रही है। सरकार इन आंकड़ों को छिपाने में लगी है। मुरादनगर में हिंदू युवती के साथ रेप की घटना में भी ऐसा ही देखा गया। जब वीडियो वायरल हुआ, तब जाकर पुलिस एक्टिव हुई।
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दिव्यांग, हिंदू और छोटी बच्चियां निशाने पर
बांग्लादेश में बलात्कारियों के निशाने पर दिव्यांग, हिंदू युवती और छोटी-छोटी बच्चियां हैं। एमएसएफ के मुताबिक जून महीने में 19 बच्चियों के साथ रेप की वारदात हुई है। इसी तरह 23 किशोरियों ने रेप की शिकायत दर्ज कराई। इस महीने 2 हिंदू महिलाओं के साथ रेप की घटनाएं हुई, जिसमें एक मुरादनगर की घटना भी शामिल है।
प्रथम आलो ने एमएसएफ के हवाले से लिखा है कि जून 2025 में 7 दिव्यांग लड़कियों के साथ बलात्कार की घटनाएं हुई है, जिसे पुलिस ने रिकॉर्ड किया है। बांग्लादेश पुलिस मुख्यालय ने मार्च 2025 में एक डेटा जारी किया था। इस डेटा के मुताबिक बांग्लादेश में पिछले 10 साल में छोटी-छोटी बच्चियों के साथ रेप की करीब 5600 घटनाएं हुई थी।
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