नई दिल्ली। दक्षिणपंथी संगठन हिंदू सेना ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाकर उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच कराने की मांग की. अदालत में हिंदू सेना का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विदलेश अग्रवाल ने आरोप लगाया कि रामनवमी और हनुमान जयंती (हनुमान जन्मदिवस) के अवसर पर देश के कई हिस्सों में हुई सभी समान घटनाओं में एक संबंध है. उन्होंने इस घटना को ‘पीएफआई का कृत्य’ करार देते हुए आरोप लगाया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में शांति भंग करने के लिए फंडिंग कर रही है.
दिल्ली पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट का इंतजार
अधिवक्ता विदलेश अग्रवाल ने कहा कि देसी बंदूकें, पेट्रोल बम और दंगा और आगजनी के लिए हाथ से बने अन्य औजारों सहित विभिन्न हथियार और गोला-बारूद इकट्ठा करने का एक संगठित तरीका अपनाया गया था. सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर अग्रवाल ने कहा कि वह एक या दो दिन में मामले में उचित जनहित याचिका (पीआईएल) के साथ फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. याचिका में हिंदू सेना ने मांग की है कि दिल्ली पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट मंगवाई जाए और इसकी जांच NIA से कराई जाए.
अब तक दो नाबालिगों समेत 23 आरोपी गिरफ्तार
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के अवसर पर शोभा यात्रा जुलूस के दौरान विभिन्न समुदायों के लोगों के दो समूहों के बीच भीषण झड़प हो गई थी. पुलिस ने अब तक कुल 23 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें दो नाबालिग भी शामिल हैं. पुलिस के अनुसार, हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता अंसार को पहले हमले के दो मामलों में शामिल पाया गया था और उसे निवारक धाराओं के तहत बार-बार गिरफ्तार किया जा चुका है. इसके अलावा उस पर जुआ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत 5 बार मामला दर्ज किया जा चुका है. आधिकारिक तौर पर यह पता चला है कि घटना की जांच के लिए अपराध शाखा की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है, जिसमें 5 सहायक पुलिस आयुक्त और 10 निरीक्षक शामिल होंगे.
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पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने दिया आश्वासन
इधर जहांगीरपुरी सांप्रदायिक हिंसा की जांच एकतरफा होने और केवल एक विशेष समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाए जाने के सभी आरोपों का खंडन करते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने कहा कि पुलिस किसी के साथ भेदभाव नहीं कर रही है. पुलिस कमिश्नर ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि जांच के दौरान अगर हमें किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सबूत मिलते हैं, तो हम कार्रवाई करेंगे और उन्हें गिरफ्तार करेंगे, चाहे वे किसी भी वर्ग, पंथ, समुदाय और धर्म के हों. हम किसी के साथ भेदभाव नहीं कर रहे हैं. अब तक गिरफ्तार किए गए 23 लोग दोनों समुदायों के हैं.उन्होंने आश्वासन दिया कि उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई सांप्रदायिक हिंसा की हरसंभव जांच की जाएगी. राकेश अस्थाना ने कहा कि मामले की सभी एंगल से जांच की जाएगी और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हिंसा में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाए. उन्होंने बताया कि स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट को सभी डिजिटल सबूतों का विस्तृत विश्लेषण करने और इसमें शामिल संदिग्धों की पहचान करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का काम दिया गया है.
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