दिल्ली। पाकिस्तान सरकार ने दुनिया में अपनी छवि बदलने के लिए हिंदू मंदिर बनाने की इजाजत दी ओर उसको अपने खर्च पर बनवाने की बात कही। अब देश के कट्टरपंथी सरकार के खिलाफ खड़े हो गए हैं।

पाकिस्तान के हिंदू सांसद लालचंद ने बताया कि देश में कट्टरपंथियों के खौफ के चलते अब अधिकतर मंदिरों में या तो पूजा नहीं होती है या फिर उन्हें कोई पूछता नहीं है। इमरान सरकार ने इस्लामाबाद में मंदिर निर्माण की इजाजत तो दे दी लेकिन एक बार फिर से मंदिर निर्माण में बाधा खड़ी हो गई है। लाहौर की इस्लामिक संस्था जामिया अशर्फिया ने इसके खिलाफ फतवा जारी कर दिया है। फतवे में कहा गया है कि इस्लाम में नया हिंदू मंदिर बनाने की इजाजत नहीं है। इस फतवे को कई मुफ्ती, धर्मगुरुओं का समर्थन मिला है।

गौरतलब है कि जामिया अशर्फिया पाकिस्तान में अहम इस्लामिक संस्था है और इसका देश की शासन और सत्ता में काफी प्रभाव है, यहां कई देशों के बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के समय यह संस्था अपने अस्तित्व में आई थी। अपने कट्टरपंथी विचारों के कारण ये संस्था कट्टरपंथी तबकों में काफी लोकप्रिय है। फतवे के बारे में संस्था के कर्ताधर्ताओं का कहना है कि इस फतवे का मकसद किसी धर्म को दबाना नहीं बल्कि लोगों के भीतर जो संशय हैं उसे दूर करना है।