रायपुर। कोरोना के खिलाफ जंग में हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) ने यूनिसेफ के साथ अपनी वैश्विक साझेदारी के तहत छत्तीसगढ़ में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों को 1.70 लाख साबुन दान किए हैं. कोरोना वायरस और अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाव करने कर सबसे सस्ता एवं प्रभावशाली उपाय साबुन से हाथ धोना है. संवेदनशील वर्ग को कोरोना के प्रकोप से बचाने के लिए साबुन वितरित किया जाना अब और ज़्यादा ज़रूरी हो गया है.
इस अभियान के बारे में हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर संजीव मेहता ने कहा कि हम कोरोना वायरस से बचाव के लिए हैंडवॉशिंग यानि हाथ धोने को ही सर्वोच्च उपाय मानते हैं. यूनिसेफ के साथ हमारी साझेदारी ने हमें विभिन्न सरकारों द्वारा कोरोना के प्रसार की रोकथाम के लिए किये जा रहे उनके प्रयासों में सहयोग करने का अवसर दिया है. हमारे उत्पाद देश के कोविड हॉटस्पॉट्स में समुदायों की सुरक्षा करेंगे.
भारत में यूनिसेफ की प्रतिनिधि डॉ यास्मीन अली हक़ ने कहा कि कोरोना को रोकने के लिए हमें हर किसी को हाथ धोने का साधन उपलब्ध कराने होंगे और हैंडवॉशिंग की आदत बनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित होगा. इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों, राष्ट्रिय सरकारों, निजी व सार्वजनिक क्षेत्र और सिविल सोसाइटी को मिलकर काम करना होगा. कोरोना हॉटस्पॉट्स में कमज़ोर वर्ग के लोगों को व्यव्हार में परिवर्तन लेकर महामारी से सुरक्षित रहने में प्रेरणा मिले.
एचयूएल ने मार्च में कोरोना महामारी से लड़ाई में भारत की मदद करने के लिए 100 करोड़ रुपए का योगदान दिया था. अप्रैल में यूनिसेफ और एचयूएल ने मिलकर कोरोना से रोकथाम के लिए एक जनसंचार अभियान ‘#BreakTheChain #VirusKiKadiTodo’ चलाया. इस अभियान का आयोजन लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाने और उन्हें महामारी से सुरक्षित रहने की प्रेरणा देने के लिए किया गया.
हिंदुस्तान यूनिसेफ लिमिटेड (एचयूएल) भारत की सबसे बड़ी फ़ास्ट-मूविंग कंस्यूमर गुड्स कंपनी है. देश में हर दस में से नौ घर इसके उत्पादों का उपयोग करते है. एचयूएल प्रतिदिन बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए काम करता है. वहीं यूनिसेफ दुनिया के सबसे मुश्किल स्थानों पर काम करते हुए दुनिया के सबसे कमज़ोर वर्ग की बच्चों तक पहुंचता है. 190 से ज़्यादा देशों व प्रांतों में हम हर जगह हर बच्चे का बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए काम करते है.