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नई दिल्ली। नींद के दौरान आराम न मिलना, खासकर करवट लेकर सोने पर हिप में दर्द होना, कई लोगों के लिए बड़ी समस्या बन सकता है. अक्सर लोग इस तकलीफ़ को मामूली मानकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन समय रहते ध्यान न देने पर यह गंभीर रूप ले सकता है. आइए जानते हैं कि करवट लेकर सोने पर हिप पेन के क्या कारण हो सकते हैं और इससे राहत पाने के उपाय क्या हैं.

करवट लेकर सोने पर हिप पेन के आम कारण

  • बर्साइटिस: हिप की बर्सा (fluid-filled sac) में सूजन आने पर दर्द होता है, जो लंबे समय तक एक ही स्थिति में सोने से बढ़ सकता है.
  • टेंडिनाइटिस: अधिक व्यायाम या गलत पॉश्चर से हिप के आसपास की मांसपेशियों के टेंडन में सूजन आ सकती है.
  • ओस्टियोआर्थराइटिस: बढ़ती उम्र में हड्डियों के जोड़ों में घिसाव और सूजन से दर्द की शिकायत होती है.
  • ट्रोकांटरिक पेन सिंड्रोम: हिप के बाहरी हिस्से पर दबाव पड़ने से यह दर्द होता है.
  • खराब गद्दा या तकिया: बहुत कठोर या बहुत मुलायम गद्दे से शरीर को पर्याप्त सपोर्ट नहीं मिलता और हिप पर दबाव बढ़ जाता है.
  • सिरायाटिका: पीठ की नस दबने से हिप से लेकर पैर तक दर्द महसूस हो सकता है.

राहत और इलाज के तरीके

  • सोने की स्थिति बदलें: कोशिश करें कि सीधे पीठ के बल सोएं. यदि करवट लेकर सोना जरूरी हो, तो पैरों और हिप्स के बीच तकिया रखें.
  • उचित गद्दा चुनें: मेमोरी फोम गद्दा या ऐसा गद्दा इस्तेमाल करें जो शरीर के आकार के अनुसार दबाव को संतुलित करे.
  • हल्की स्ट्रेचिंग और व्यायाम: योग और स्ट्रेचिंग से मांसपेशियों में लचीलापन आता है. जरूरत पड़ने पर फिजिकल थेरेपिस्ट की मदद लें.
  • गर्म या ठंडी सिकाई: दर्द वाली जगह पर बर्फ या गर्म पानी की बोतल रखने से आराम मिल सकता है.
  • दर्द निवारक दवाएं: इबुप्रोफेन या पेरासिटामोल जैसी दवाएं अस्थायी राहत दे सकती हैं.
  • डॉक्टर से सलाह लें: यदि दर्द लंबे समय तक बना रहे या बढ़े, तो विशेषज्ञ से जांच जरूर कराएं.

कब तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें?

  • जब दर्द 1–2 हफ्तों में कम न हो.
  • जब चलने-फिरने या रोज़मर्रा के कामों में मुश्किल आने लगे.
  • जब दर्द के साथ सूजन, बुखार या सुन्नपन महसूस हो.