जयपुर। इस गांव में कोई भी व्यक्ति मांस, मछली या शराब का सेवन नहीं करता है. इसके अलावा, नीम की लकड़ी जलाना और केरोसिन का उपयोग करना प्रतिबंधित है. इस गांव में भगवान देवनारायण का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जहां हर साल लाखों पर्यटक आते हैं.

बात हो रही है राजस्थान के ब्यावर जिले में स्थित देवमाली गांव की, जिसे भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्यटक गांव का खिताब मिला है. केंद्र सरकार 27 नवंबर को दिल्ली में आयोजित एक समारोह में इस गांव को पुरस्कृत करेगी.

मसुदा उपखंड के भीतर अरावली पहाड़ियों में ब्यावर के पास बसा देवमाली गांव करीब 3,000 बीघा में फैला है. गांव में एक भी पक्का घर नहीं है, लेकिन पहाड़ी की चोटी पर भगवान देवनारायण का एक सुंदर मंदिर है.

पर्यटन मंत्रालय के संयुक्त महानिदेशक अरुण श्रीवास्तव ने कहा. मंत्रालय की ओर से आयोजित सर्वश्रेष्ठ पर्यटक गांव प्रतियोगिता में उन गांवों को स्थान दिया गया था, जो पर्यटन को विकसित करते हुए समृद्ध संस्कृति को बनाए रख रहे हैं.

इसके साथ वे सामाजिक और पर्यावरणीय संभावनाओं को संतुलित रखते हैं, और समुदाय आधारित मूल्यों और जीवनशैली को बढ़ावा देते हैं. इस श्रेणी में देवमाली गांव को सर्वश्रेष्ठ पर्यटक गांव के रूप में चुना गया है.

राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने भी इस खबर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “यह राजस्थान के लिए गर्व का क्षण है, जब केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने देवमाली गांव को देश का सर्वश्रेष्ठ पर्यटक गांव चुना.”

उन्होंने कहा कि देवमाली को ‘सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव’ के रूप में चुने जाने से इसकी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में मदद मिलेगी.