कुमार इंदर, जबलपुर। E-way बिल पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का एक ऐतिहासिक फैसला आया है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच ने e-way बिल पर काटी गई 6 लाख 82 हजार रुपए की पेनाल्टी को 30 दिन के अंदर वापस करने का आदेश दिया है। यही नहीं जबलपुर हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि 30 दिन के अंदर यह पेनाल्टी वापस नहीं की गई तो विभाग को 6 परसेंट के हिसाब से इंटरेस्ट भी देना होगा।

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दरअसल 25 मई 2022 को रायपुर से एक ट्रक सरिया लेकर डिंडोरी पहुंचा था। लेकिन किसी कारणवश ट्रक 4 घंटे लेट हो गया था लिहाजा जीएसटी के अधिकारीयों ने व्यापारी पर 6 लाख 82 हजार रुपए की पेनाल्टी यह कहते हुए लगा दी कि e-way बिल 4 घंटे पहले एक्सपायर हो चुका है। व्यापारी ने अधिकारियों को काफी समझाने की कोशिश की किस तरह ट्रक में तकनीकी खराबी के चलते ट्रक 4 घंटे देरी से पहुंचा। बावजूद इसके अधिकारियों ने एक न सुनी और 6 लाख 82 हजार रूपए की पेनाल्टी भरने का फरमान सुना दिया था।

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कोई रास्ता ना बचने पर व्यापारी ने ली थी हाईकोर्ट की शरण

विभाग से तमाम बातचीत के बाद जब व्यापारी के पास कोई रास्ता नहीं बचा तो उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली थी। हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। व्यापारी की तरफ से कर अधिवक्ता अभिषेक ध्यानी ने पैरवी की। हाई कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले से ऐसे अधिकारियों को सीख लेने की जरूरत है जो महज छोटी-छोटी गलतियों को लेकर दो दो सौ गुना तक की पेनल्टी काटकर खामोखा विभाग और व्यापारियों का वक्त बर्बाद करते हैं।

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