रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य विधिक परिषद ने जिला अधिवक्ता संघ के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला दिया है. परिषद ने अपने ही मेम्बर अधिवक्ता अवध त्रिपाठी को निलंबित कर दिया है. इसके अलावा बीके शुक्ला की अध्यक्षता वाली अनुशासन समिति विस्तृत जांच करेंगी.
दरअसल, पूर्व कोषाध्यक्ष अमर गुरुबक्षणि ने रायपुर जिला अधिवक्ता संघ को 4 साल से जवाब नहीं दिया, और ना ही स्पष्टीकरण दिया, जबकि उन पर लाखों के गबन का आरोप है. जिस पर जिला अधिवक्ता संघ रायपुर ने अमर गुरुबक्षणि की सदस्यता को निलंबित किया था.
अमर गुरुबक्षणि ने अवध त्रिपाठी के मार्फत वहायवार निगरानी याचिका (WPC) लगाई थी, जबकि राज्य विधिक परिषद (SBC) के मेम्बर होते हुए त्रिपाठी भली भांति अवगत थे कि उक्त आदेश के खिलाफ राज्य विधिक परिषद में अपील के प्रावधान हैं.
इसके बाद रायपुर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सचिव के द्वारा आपत्ति लगाई गई थी. बताया गया कि त्रिपाठी परिषद के मेम्बर होते हुए SBC के ही खिलाफ याचिका लगाकर पैरवी की.
यह बार कौंसिल ऑफ इंडिया रूल्स 8 का साफ उल्लंघन है, अन्य कई शिकायतों को पहले कार्यकारिणी ने अभिमत किया. उसके बाद राज्य विधिक परिषद के अध्यक्ष ने 3 महीने के लिए सस्पेंड किया. बता दें कि इस सस्पेंड के खिलाफ अपील के लिए बार कौंसिल ऑफ इंडिया के समक्ष जाने का प्रावधान है. फिलहाल त्रिपाठी अगले 3 महीने तक विधि व्यवसाय नहीं कर सकेंगे.