अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश में आदिवासियों की सालों से बहुप्रतीक्षित मांग ऐतिहासिक पेसा कानून आज से लागू हो जाएगा। यह कानून एमपी में आदिवासियों के अधिकारों को बढ़ाएगा। एमपी में आदिवासियों की जनसंख्या बाहुल्य में है। आदिवासी परम्परा, रीति-रिवाजों, संस्कृति का संरक्षण के लिए यह एक्ट बनाया गया है।

इस अधिनियम के अंतर्गत ग्राम सभा में एक ग्राम समिति होगी। समिति का अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति समुदाय की ही व्यक्ति होगा। ग्राम समिति ही ग्राम के अहम निर्णय लेगी। जैसे नशीले पदार्थों पर प्रतिबंध, बाजारों की देख-रेख, ऋण वसूली, पलायन करने वालों की जानकारी रखना आदि। पेसा एक्ट आदिवासियों के लिए बने कानून की रीढ़ माना जाता है। एक्ट के तहत आदिवासियों की पारंपरिक प्रणाली को मान्यता दी गई है। फिलहाल छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, गुजरात, हिमाचल, राजस्थान, तेलंगाना और राजस्थान में यह पेसा कानून लागू हैं।

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बता दें कि मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में आयोजित जनजातीय आदिवासी गौरव दिवस कार्यक्रम में आज राष्ट्रपति की मौजूदगी में पेसा अधिनियम लागू किया जाएगा। एमपी के शहडोल में आज राज्यस्तरीय एक बड़ा कार्यक्रम हो रहा है। आज पहली बार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का एमपी आगमन हो रहा है।

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