रेहान अंसारी, संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी नगर में गुप्त सुरंग और एक प्राचीन बावड़ी मिली है। इसे लोग रानी की बावड़ी नाम से पुकार रहे हैं। खुदाई के दौरान यहां कई ऐसी संरचनाएं मिल रही है। जिसका अपना एक ऐतिहासिक महत्व है। बीते कुछ दिनों से कई लोगों ने इसे अपना बताया और अधिकार जमाने का प्रयास किया। इसी बीच पूर्व सांसद राजा चंद्र विजय सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

चंद्र विजय सिंह बोले-बावड़ी हमारे पुरखों की

चंद्र विजय सिंह ने बावड़ी को लेकर कई बड़े खुलास किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह बावड़ी उनके पुरखों की है। चंद्र विजय सिंह ने कहा कि बावड़ी मिट्टी से दबी हुई है, प्रशासन ने उसे खोदना शुरु कर दिया है। उत्तर प्रदेश में बावड़ी एक अनोखी चीज होती है क्योंकि इसका रिवाज ज्यादतर गुजरात और राजस्थान में होता है। अचानक से इस भूमि पर भिन्न- भिन्न लोग क्लेम कर रहे है और कुछ लोग उस पर काबिज भी है। मीडिया के माध्यम से स्पष्ट करना चाहता हूं कि ये बावड़ी और वो भूमि हमारे परिवार और पुरखों की है।

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सरकार से इसे पर्यटन स्थल बनाए

उन्होंने आगे कहा कि अब कौन उसमें कब और कैसे काबिज हुआ। इसके बारे में हमें ज्यादा कुछ जानकारी नहीं है क्योंकि उस समय हम छोटे थे। यह एक धरोहर है, मैं और मेरा पूरा परिवार चाहता है कि इसे पर्यटन स्थल बना दिया जाए। पुरात्व विभाग या फिर पर्यटन विभाग इसे ले और इसका उत्थान करें। चंदौसी के लिए यह आकर्षक पर्यटन स्थल बन सकता है। इस पूरे मामले में अभी प्रशासन से बात नहीं हुई है। अगर प्रशासन चाहेगा तो हम लिख कर देने को तैयार है।